देहरादून: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार 17 अप्रैल को दिल्ली में तमाम राज्यों के परिवहन मंत्रियों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में उत्तराखंड के परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने भी शिरकत की थी. परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने बैठक में अपने विभाग की उपलब्धि और प्रगति रिपोर्ट पेश की. बैठक में चारधाम यात्रा मार्ग की सड़कों और चीन सीमा से जोड़ने वाली सड़कों पर चर्चा की गई, जिसकी जानकारी परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने दी.
परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने बताया कि बैठक में मुख्य रूप से मोटर वाहनों की गति सीमा की समीक्षा के लिए गठित समिति की सिफारिशों पर चर्चा की गई. साथ ही राज्य में वाहन फिटनेस परीक्षण और इलेक्ट्रिक वाहनों के वित्त पोषण पर बात हुई. बैठक में कुछ अध्ययन रिपोर्ट भी पेश की गई हैं, जिनमें सामने आया कि सड़क हादसों का प्रमुख कारण चालक की लापरवाही और लिमिट से ज्यादा स्पीड है.
वहीं, बैठक में परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को चारधाम के तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत उत्तराखंड में वाहनों हेतु ग्रीन कार्ड के बारे में भी विस्तार से जाकारी दी. केंद्रीय मंत्री ने चंदन रामदास से पूछा कि वाहनों की गति सीमा नियंत्रण हेतु स्पीड गवर्नर का काम कितना हुआ है. उस पर मंत्री ने बताया कि प्रदेश में अधिकांशत: इसको लागू कर दिया है.
परिवहन मंत्री चंदन रामदास के मुताबिक उत्तराखंड में अभी तक लगभग 1,10,592 वाहनों में स्पीड गवर्नर लगा दिये गये हैं. बाकी के अतिरिक्त रियल टाइम मॉनिटरिंग हेतु राज्य में 42,993 सार्वजनिक सेवा वाले ATS 140 मानक यन्त्र स्थापित कर दिये गये हैं. अति संवेदनशील 10 स्थानों पर ANPR कैमरे भी स्थापित कर दिये गये हैं. प्रदेश में सड़क हादसों को रोकने के लिए केंद्र की तरफ से जो गाइडलाइन जारी की गई है, उनका पालन किया जा रहा है.