देहरादून: साल 2020 शायद ही किसी के लिए अच्छा साल साबित हुआ हो. क्योंकि इस साल के शुरुआती महीनों में ही कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में हाहाकर मचाकर रख दिया. देश-दुनिया ना सिर्फ इस महामारी का शिकार हुए, बल्कि इसकी वजह से भारी आर्थिक संकट से जुझ रहे हैं. दुनिया के सभी देश इस महामारी से प्रत्यक्ष रूप प्रभावित हुए हैं. इसकी वजह से ना सिर्फ करोड़ों लोग कोरोना संक्रमित हुए, बल्कि लाखों लोगों की जान चली गई. वहीं, इसका सीधा असर उत्तराखंड में भी देखने को मिल रहा है. उत्तराखंड के कई विभाग कोरोना की वजह से आर्थिक संकटों का सामना कर रहे हैं. इन्हीं में एक है उत्तराखंड परिवहन निगम, जिसको इस साल 80 फीसदी से ज्यादा घाटा हुआ है.
कोरोना काल के दौर में साल 2020 में हर क्षेत्र को भारी आर्थिक नुकसान से गुजरना पड़ रहा है. वहीं, पिछले कई सालों से करोड़ के घाटे में चल रहे उत्तराखंड परिवहन निगम के लिए यह साल भी बेहद ही बुरा रहा है. स्थिति यह है कि पिछले साल की तुलना में इस साल नवंबर माह तक उत्तराखंड परिवहन निगम को 80% से ज्यादा का आर्थिक नुकसान हो चुका है. जिसकी एकमात्र अहम वजह कोरोना महामारी है.
गौरतलब की कोरोना संकटकाल में 22 मार्च से जारी पूर्ण लॉकडाउन के बाद से ही उत्तराखंड रोडवेज बसों का संचालन पूरी तरह बंद कर दिया गया था. ऐसे में छह महीनों के अंतराल के बाद अक्टूबर माह से सीमित संख्या में उत्तराखंड परिवहन निगम ने एक बार फिर बसों का संचालन शुरू किया, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत 50% सवारियों के साथ ही बसें संचालित की गई. वहीं, नवंबर माह से उत्तराखंड परिवहन निगम ने वातानुकूल और वोल्वो बसों को छोड़कर सामान्य 1303 बसों का संचालन शुरू कर दिया. जिससे परिवहन निगम ने नवंबर माह में 35 करोड़ रुपए की कमाई की, जबकि अक्टूबर माह में उत्तराखंड परिवहन निगम की कमाई महज 18 करोड़ पर ही सिमट कर रह गई.