देहरादून/ऋषिकेश/हल्द्वानी: आर्थिक तंगी से जूझ रहे उत्तराखंड परिवहन निगम की कमर कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने तोड़ रखी है. पिछले 5 महीनों से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाया है जिसके चलते कर्मचारी आंदोलन की राह पर हैं. वहीं, अपनी देनदारी से उबरने के लिए परिवहन निगम प्रबंधन अपनी जमीन बेचने या फिर जमीनों पर कोई नया प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी में है. जिसका प्रस्ताव आगामी परिवहन बोर्ड की बैठक में रखा जा सकता है.
मौजूदा समय मे वेतन समेत अन्य मदों में देनदारी 250 करोड़ रुपये से ज्यादा पहुंच गई है. जो परिवहन निगम के लिए एक चिंता का विषय बनी हुई है. कुछ महीने पहले हुई परिवहन निगम बोर्ड की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई थी कि, जिस तरह से लगातार परिवहन निगम घाटे में जा रहा है. ऐसे में देनदारी को पूरा करने के लिए परिवहन निगम अपनी जमीनों को या तो किसी सरकारी विभाग को बेच दे या फिर उन जमीनों पर किसी नए प्रोजेक्ट शुरू की जाए.
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी के अनुसार उत्तर प्रदेश रोडवेज पर परिसंपत्तियों के बंटवारे के बाद उत्तराखंड रोडवेज को करीब 700 करोड़ रुपए देने हैं. अगर उत्तरप्रदेश रोडवेज यह पैसे उत्तराखंड रोडवेज को दे देता है तो उत्तराखंड रोडवेज की स्थिति सामान्य हो सकती है. मौजूदा समय में उत्तराखंड रोडवेज की देनदारी करोड़ों रुपए तक पहुंच गई है.
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