देहरादून:डीजल के बढ़ते दामों को देखते हुए उत्तराखंड परिवहन निगम अपनी बसों को सीएनजी में परिवर्तित करने जा रहा है. इसके लिए उत्तराखंड परिवहन निगम बोर्ड द्वारा अनुमति प्रदान कर दी गई है. ऐसे में जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू कर बसों को सीएनजी में बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
बता दें, वर्तमान में उत्तराखंड रोडवेज के पास लगभग 600 बसें हैं. इनमें जो बसें सीएनजी किट के लिए तकनीकी रूप से फिट होंगी उनको सीएनजी में कन्वर्ट किया जाएगा. परिवहन निगम में अनुबंधित बसों को भी अगले 2 साल में सीएनजी में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है.
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उत्तराखंड परिवहन निगम लंबे समय से 500 करोड़ से अधिक के वित्तीय घाटे से जूझ रहा है. लगातार डीजल के बढ़ते दामों और रोडवेज के रखरखाव जैसे तमाम संसाधनों को पूरा करने में लगातार घाटा हो रहा है. बसों के संचालन से राजस्व उतना प्राप्त नहीं हो रहा है, जितने खर्चे विभाग को सुचारू रूप से संचालन किये जा सकें. ऐसे में रोडवेज को राहत मिल सकती है.
घाटे में चल रहा उत्तराखंड परिवहन निगम:उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते राज्य में ट्रांसपोर्टेशन का एकमात्र विकल्प बस ही है क्योंकि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में रेल की सुविधा उपलब्ध नहीं है. पर्वतीय क्षेत्रों में हेली की सुविधा तो उपलब्ध है लेकिन चार्ज ज्यादा होने की वजह से अधिकतर लोग सड़क परिवहन को ही प्राथमिकता देते हैं. प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में जाने के लिए अधिकांश लोग बस सेवा का इस्तेमाल करते हैं. बावजूद इसके परिवहन निगम साल-दर-साल घाटे में ही डूबता जा रहा है. आलम यह है कि पिछले 18 सालों में करीब 520 करोड़ से अधिक के घाटे में परिवहन विभाग चल रहा है.
देहरादून से दिल्ली आने-जाने में रोडवेज की बस के मुताबिक दूरी 529 किलोमीटर है. ऐसे में देहरादून से दिल्ली आने-जाने में डीजल की खपत वर्तमान में लगभग 125 लीटर की है. यानी मौजूदा रेट 95 रुपये के अनुसार 12 से साढ़े 12 हजार तक का डीजल लगता है.
ऐसे में रोडवेज की बसें सीएनजी में कन्वर्ट होने के बाद दिल्ली से देहरादून आने-जाने में वर्तमान में सीएनजी ₹55 प्रति किलो के हिसाब से 6 से साढ़े 6 हजार का सीएनजी ईंधन आवाजाही में खर्च होगा. क्योंकि सीएनजी का एवरेज डीजल से काफी ज्यादा है. एक लीटर डीजल में 4 किलोमीटर की बस दूरी तय करती है. जबकि सीएनजी में 1 किलो में 12 किलोमीटर का एवरेज है. ऐसे में रोडवेज की बसें सीएनजी में कन्वर्ट होने के उपरांत 40 से 50 प्रतिशत ईंधन और राजस्व की बचत होगी.