देहरादूनःक्रिकेटर ऋषभ पंत की कार एक्सीडेंट के बाद ओवर स्पीड और ओवरलोडिंग को लेकर उत्तराखंड ट्रैफिक निदेशालय की नींद टूटी है. यही वजह है कि अब उत्तराखंड में सड़क हादसों को रोकने के लिए ट्रैफिक निदेशालय विशेष अभियान चलाने जा रहा है. ताकि इन हादसों पर अंकुश लगाया जा सके. इस कड़ी में उत्तराखंड ट्रैफिक निदेशालय डीआईजी मुख्तार मोहसिन ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अभियान को लेकर जरुरी दिशा निर्देश दिए. वहीं, सभी जिलों के प्रवर्तन की कार्रवाई की समीक्षा कर जागरूकता कार्यक्रम को नए सिरे आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया.
उत्तराखंड में हुए बड़े सड़क हादसेःबता दें कि साल 2022 में उत्तराखंड में कई बड़े सड़क हादसे हुए हैं. जिसमें 5 जून 2022 को यमुनोत्री हाईवे पर डामटा के पास मध्य प्रदेश के यात्रियों से भरी बस गहरी खाई में गिरी. इस हादसे में 26 लोगों की जान गई. इसके बाद 4 अक्टूबर 2022 को पौड़ी के सिमडी में बारातियों से भरी बस खाई में गिरी. जिसमें 33 लोगों की जान चली गई. वहीं, 18 नवंबर 2022 को चमोली के जोशीमठ के उर्गम पल्ला जखोला मार्ग पर सूमो खाई में गिरी. जिसमें 12 लोगों की मौत हुई. इसके अलावा रोजाना होने वाले हादसों का आंकड़े भी काफी ज्यादा हैं.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित सड़क सुरक्षा समिति अब मुख्यतः 6 बिंदुओं को लेकर उत्तराखंड में विशेष अभियान चलाने जा रहा है. ताकि इन हादसों पर अंकुश लगाया जा सके. सबसे पहले पर्वतीय जिलों में सड़क हादसों की रोकथाम को लेकर ओवरलोड और ओवरस्पीड पर चलने वाले चालकों के खिलाफ चेकिंग अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए ट्रैफिक प्रवर्तन की कार्रवाई में क्वालिटी चालान पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया जाएगा.
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सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित सड़क सुरक्षा समिति के सुधार के लिए निर्धारित 6 बिंदुओं (रेड लाइट, तेज रफ्तार, ओवर लोडिंग, मालवाहक में सवारी ले जाना, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग और नशे में वाहन चलाना) पर प्रभावी तरीके प्रवर्तन टीम कार्रवाई करेगी. क्योंकि, ट्रैफिक निदेशालय के मुताबिक, सबसे ज्यादा हादसे इन्हीं कारणों से होती हैं. वहीं, चालानी कार्रवाई की बात करें तो साल 2022 में जनवरी से नवंबर महीने तक 12,816 चालान किए गए. जिसमें 3,130 लोगों के डीएल निरस्तीकरण के लिए भेजे गए.