देहरादून: रोजगार के मामले में उत्तराखंड ने सभी हिमालयी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. यानी उत्तराखंड अब उन राज्यों में शुमार हो गया है, जहां सबसे ज्यादा लोग रोजगार से जुड़े हुए हैं. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (Centre For Monitoring Indian Economy) की तरफ से जारी आंकड़ों ने उत्तराखंड की इस बेहतर स्थिति को बयां किया है. हालांकि कोरोना काल के दौरान बेरोजगारी दर में उत्तराखंड बेहद खराब हालातों में दिखाई दिया.
कोरोना ने किया था कबाड़ा: देश में भले ही कोरोना के आंकड़े पहले जैसे भयावह न हों, लेकिन इस वायरस का गंभीर प्रभाव उत्तराखंड के विकास की राह में अब भी रोड़ा बना हुआ है. वैसे तो कोरोना के कारण सभी सेक्टर रसातल की तरफ दिखाई दिए. लेकिन लोगों को इसकी सबसे बड़ी कीमत बेरोजगारी के रूप में चुकानी पड़ी. दुनिया भर की तरह भारत में भी हजारों नौकरियां गई और बेरोजगारी दर अपने रिकॉर्ड तक पहुंच गई. उत्तराखंड के लिए भी हालात काफी चिंताजनक रहे. छोटे से पहाड़ी राज्य में बेरोजगारी दर ने आसमान छू लिया.
रोजगार को लेकर हिमालयी राज्यों में अव्वल उत्तराखंड. उत्तराखंड में बदले हालात: इन आंकड़ों से साफ है कि उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश में बेरोजगारी को लेकर कोरोना का साल 2020 सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहा है. लेकिन अब हालात बिल्कुल बदल गए हैं और उत्तराखंड अब उन राज्यों में शुमार हो गया है, जो बेरोजगारी दर को दूर करने को लेकर सबसे बेहतर स्थिति में दिखाई देता है. मई महीने में सीएमआईई के आंकड़ों से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी इसे उत्तराखंड और केंद्र सरकार की योजनाओं का असर बताती है.
राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर उत्तराखंड में हिमालयी राज्यों में बेरोजगारी दर सबसे कम: मई महीने में देश में बेरोजगारी दर 7.5% रही, जबकि उत्तराखंड में बेरोजगारी दर फिलहाल 2.9% है. यह आंकड़ा हिमालयी राज्यों में सबसे बेहतर है. हिमाचल प्रदेश में अब भी 9.6% बेरोजगारी दर है तो जम्मू कश्मीर में 18.3% बेरोजगारी दर है. यानी उत्तराखंड रोजगार के मामले में हिमाचल और जम्मू कश्मीर से कहीं बेहतर स्थिति में खड़ा है.
उत्तराखंड में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय बेरोजगारी दर में उत्तराखंड पांचवें स्थान पर: उत्तराखंड की स्थिति मई महीने में बेरोजगारी दर को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर भी सबसे बेहतर दिखाई देती है. बेरोजगारी दर के लिहाज से उत्तराखंड सबसे अच्छे हालातों वाले राज्यों में पांचवें नंबर पर जगह बना चुका है. छत्तीसगढ़ में 0.7% बेरोजगारी दर है. वहीं, मध्य प्रदेश में 1.6% बेरोजगारी दर, तीसरे नंबर पर गुजरात 2.1% बेरोजगारी दर पर है तो उड़ीसा 2.6 प्रतिशत बेरोजगारी दर है. इसके बाद पांचवें नंबर पर उत्तराखंड है, जहां बेरोजगारी दर 2.9 आंकी गई है.
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बीजेपी ने की सरकार की तारीफ: भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ देवेंद्र भसीन कहते हैं कि जिस तरह राज्य सरकार अपनी योजनाओं को आगे बढ़ा रही है और रोजगार के मामले में गंभीरता से कदम उठा रही है, उसका नतीजा है कि आज उत्तराखंड बेरोजगारी दर में बेहतर स्थिति में खड़ा दिखाई देता है. वैसे इन आंकड़ों से कांग्रेस इत्तेफाक नहीं रखती है.
कांग्रेस ने बताई आंकड़ों की बाजीगरी: नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य कहते हैं कि बेरोजगारी को लेकर उन्होंने विधानसभा में भी सरकार की आंखें खोलने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि आंकड़ों से हटकर सरकार द्वारा पेश किए गए बजट से साफ पता चलता है कि युवाओं के लिए सरकार के पास कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़े बेरोजगारी को बयां कर रहे हैं.
उत्तराखंड में मई महीने में बेरोजगारी दर 2.9% पर आने से भाजपा सरकार खुश है. माना जा रहा है कि प्रदेश में चारधाम यात्रा समेत हेमकुंड साहिब की यात्रा बेरोजगारी दर में गिरावट की बड़ी वजह है. यही नहीं कोरोना के कारण पिछले 2 साल से उत्तराखंड का पर्यटन ठप था. इसलिए कोरोना के समय लोगों का रोजगार पूरी तरह से खत्म हो गया था. अब जब 2 साल बाद पर्यटन और यात्रा खुलने के चलते प्रदेश में बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों के साथ ही पर्यटक भी पहुंच रहे हैं. जिसके चलते राज्य में रोजगार की संभावनाएं काफी ज्यादा हो गई हैं.