1- रुद्रप्रयागः भूस्खलन से बुढ़ना गांव में गौशाला ध्वस्त, 4 मवेशी जिंदा दफन
पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं. रुद्रप्रयाग के दूरस्थ बुढ़ना गांव में बारिश के बाद हुए भूस्खलन से एक गौशाला ध्वस्त हो गई और 4 मवेशी मलबे में जिंदा दफन हो गए. वहीं, केदारनाथ हाईवे 4 स्थानों पर बंद है. केदारनाथ हाईवे के जगह-जगह बंद होने से केदारनाथ धाम से आने-जाने वाले तीर्थ यात्री भी फंसे हुए हैं. इसके अलावा बदरीनाथ हाईवे के सिरोहबगड़ में लगातार ऊपरी पहाड़ी से भूस्खलन हो रहा है. ऐसे में यहां पर सफर करना खतरे से खाली नहीं रह गया है.
2- चुनाव आयोग का बड़ा कदम, अब 17 साल की उम्र में ही Voter ID के लिए अप्लाई कर सकेंगे युवा
चुनाव आयोग (Election Commission) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. अब 17 साल की उम्र होने के बाद ही युवा मतदाता सूची के लिए आवेदन कर सकते हैं. चुनाव आयोग ने कहा है कि 17 साल के युवाओं को जरूरी नहीं कि पहली जनवरी को 18 साल की आयु होने के लिए पूर्व-आवश्यक मानदंड का इंतजार करना पड़े.
3- सावधान! सिंगापुर से उत्तराखंड को चेतावनी, आ सकता है 8+ का भूकंप
उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में भूकंप के छोटे झटके किसी बड़ी आहट के संकेत देते रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि भूवैज्ञानिक उत्तराखंड को भूकंप के दृष्टिकोण से जोन-5 में बताते रहे हैं. लिहाजा, अब नए दावों ने उत्तराखंड की भूकंप से जुड़े खतरों को लेकर चिंता को और बढ़ा दिया है. बड़ी बात यह है कि अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उत्तराखंड में रिक्टर पैमाने पर 8 से भी ज्यादा का भूकंप आ सकता है.
4- अचानक पैदल ही तहसील परिसर पहुंचीं देहरादून की डीएम सोनिका, अव्यवस्थाओं पर हुईं नाराज
जिलाधिकारी सोनिका सिंह ने तहसील सदर का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने व्यवस्थाओं का बारीकी से जायजा लिया. इतना ही नहीं डीएम सोनिका ने अपना वाहन तहसील चौक पर रोका और वहां से पैदल ही तहसील परिसर पहुंचीं. निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों को जनता की शिकायतों और प्रकरणों का जल्द निस्तारण करने के निर्देश दिए. वहीं, तहसीलदार न्यायालय कक्ष में अव्यवस्था मिलने पर नाराजगी भी जताई. साथ ही पेशकार को व्यवस्थाओं में सुधार लाने के कड़े निर्देश दिए.
5- ये क्या! पुतला दहन कार्यक्रम में आपस में ही भिड़े व्यापारी, इस बात को लेकर हुई गहमागहमी
मुख्य बाजार में जीएसटी सर्वे के खिलाफ पुतला दहन कार्यक्रम में व्यापारी आपस में ही उलझ गए. हालांकि, बाद में सभी व्यापारियों ने एकजुट होकर व्यापार हित की बात स्वीकारी, लेकिन पुतला दहन के दौरान व्यापारी अपनी राजनीतिक पार्टियों की पैरवी करते दिखे. इस पूरे मामले में व्यापारी दो धड़ों में बंटे नजर आए.