1- टिहरी डैम में देश की पहली टरबाइन रनर स्थापित, दुनिया का तीसरा देश बना भारत
उत्तराखंड में टिहरी बांध परियोजना के बढ़ते कदम के साथ आज एक ओर उपलब्धि जुड़ गई है. टीएचडीसीआईएल ने टिहरी डैम के पंप स्टोरेज प्लांट में 250 मेगावाट की पहली टरबाइन के रनर को सफलतापूर्वक लगा दिया है. इसे टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट के निर्माण की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर माना जा रहा है. टिहरी बांध परियोजना में देश की पहली और दुनिया की तीसरी टरबाइन की रनर स्थापित की गई है.
2- मानसून में असंतुलित बारिश ने बढ़ाई चिंता, कहीं झड़ी तो अधिकतर जिलों में उम्मीद से कम बरसे बदरा
देश-दुनिया में मौसम के बदलते स्वभाव पर वैज्ञानिक अध्ययन करने में जुटे हुए हैं. ग्लोबल वार्मिंग से लेकर कई दूसरे पर्यावरणीय बदलावों को इसकी वजह माना जा रहा है. उत्तराखंड में भी मानसून के दौरान कुछ ऐसे आंकड़े सामने आए हैं जो चिंता पैदा करने वाले हैं. मानसून के दौरान हिमालयी राज्य उत्तराखंड में क्षेत्रीय आधार पर बरसात के असंतुलन की स्थिति दिखाई दी है. हैरानी की बात यह है कि मौसम विभाग भी बारिश के इन असंतुलन के आंकड़ों से चिंतित दिखाई दे रहा है. उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में रेनफॉल के असंतुलन की क्या स्थिति है, आइये आपको बताते हैं...
3- रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय के शौचालय में नाबालिग ने बच्चे को दिया जन्म, जच्चा-बच्चा दोनों की मौत
जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग के शौचालय में एक नाबालिग ने एक बच्चे को जन्म (baby born in Rudraprayag District Hospital toilet) दे दिया, लेकिन बच्चे को जन्म देने के बाद ही नवजात और नाबालिग की मौत हो गई. पूरे घटनाक्रम में जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों और नाबालिग की मां की लापरवाही भी सामने आई है. चिकित्सकों को नाबालिग के प्रसव पीड़ा से ग्रसित होने की जानकारी नहीं लगी. वहीं नाबालिग मां ने बदनामी की डर से सारी बातें चिकित्सकों से छुपाए रखी. अब मामले में चिकित्सालय प्रबंधन ने जांच बैठा दी है.
4- कॉर्बेट पार्क में एक साथ पानी पीते दिखे खूंखार तेंदुआ और हिरण, VIDEO में देखिए फिर क्या हुआ
जिस वीडियो की हम बात कर रहे हैं वो उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का बताया जा रहा है. इस वीडियो में तेंदुआ और हिरण (सांभर) एक ही वॉटर होल में पानी पीते हुए नजर आ रहे हैं. तेंदुआ और हिरण एक दूसरे के सामने खड़े होकर बड़े आराम से पानी पी रहे हैं.
5- उत्तराखंड में बढ़ रहे AIDS के मरीज, एआरटी सेंटर पर न डॉक्टर न फार्मासिस्ट, भगवान भरोसे पेशेंट
कुमाऊं की खूबसूरती हर किसी को अपना बना लेती है. लेकिन, इस खूबसूरती के पीछे एक काला स्याह भी है. जिसे सुनकर आप भी दंग हो जाएंगे. क्योंकि, उत्तराखंड के पहाड़ों में एड्स के मरीज तेजी से बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं. लापरवाही की वजह से एचआईवी का खतरा बढ़ता ही जा रहा है और यह खतरा हाई रिस्क ग्रुप में कई गुना ज्यादा है.