6- लखपति दीदी प्रोजेक्ट पर लग सकता है ब्रेक, केंद्रीय ग्रामीण मंत्रालय ने नई स्कीम पर राज्य को चेताया
केंद्रीय ग्रामीण मंत्रालय का कहना है कि पेशेवर कर्मियों की कमी के कारण लखपति दीदी परियोजना अधर में लटक सकती है. मंत्रालय ने राज्य को इस मामले में चिट्ठी भी लिखी है. उन्होंने कर्मचारियों की कमी के बीच नए प्रोजेक्ट शुरू ना करने का साफ इशारा किया है.
7- निर्माणाधीन सैन्य धाम का कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने किया निरीक्षण, कहा- जल्द करेंगे जनता को समर्पित
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी (Soldier Welfare Minister Ganesh Joshi) ने देहरादून के गुनियाल गांव पहुंचकर सैन्य धाम के निर्माण कार्यों (dehradun military base construction works) को लेकर स्थलीय निरीक्षण किया. इस मौके पर मंत्री जोशी ने कहा कि सैन्य धाम का निर्माण कार्य तेजी के साथ चल रहा है. जिस प्रकार निर्माण कार्य की रफ्तार है, निश्चित ही हम तय समय सीमा से पूर्व ही सैन्य धाम का निर्माण कार्य पूरा कर लेंगे.
8- बारात लेकर निकला दूल्हा धरने पर बैठा, बोला- पहले पूरी करो ये डिमांड, फिर भरूंगा 'मांग'
काठगोदाम हैड़ाखान मार्ग (Kathgodam Haida Khan Road) बीते लगभग एक माह से बंद है. सड़क की मांग को लेकर स्थानीय लोग कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं. आज नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में कांग्रेसी भी धरना दे रहे थे. इसी दौरान एक रोचक घटना हुई. धरना स्थल के पास से एक बारात जा रही थी. दूल्हे ने जब देखा कि यहां सड़क की मांग को लेकर धरना चल रहा है, तो वह दुल्हन के घर जाने की बजाय वहीं धरने पर बैठ गया.
9- देवभूमि से विदेशी सैलानी हो रहे दूर, कोरोना, आपदा का डर या कुछ और
उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश है. यहां की सुंदर वादियां, कल कल करती नदियां, ऊंचे पहाड़, हरे भरे जंगल, मठ और मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं. देसी पर्यटकों ने चारधाम यात्रा के दौरान पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. लेकिन चिंता विदेशी पर्यटकों को लेकर है. विदेशी पर्यटकों की उत्तराखंड को लेकर बेरुखी परेशान कर रही है. पेश है हमारी खास रिपोर्ट.
10- जौनसार में डंडी कंडी से मरीज को 8 किमी चलकर पहुंचाया अस्पताल, पहाड़ों पर सेवाएं खस्ताहाल
जौनसार बावर में आज भी कई गांव ऐसे हैं, जो सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाए हैं. उन्हीं गांवों में एक उदावा गांव (Vikasnagar Udava Village road problem) भी है. ऐसे में गांव में कोई व्यक्ति बीमार होता है तो ग्रामीणों को मुख्य मार्ग तक पहुंचाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है.