शिक्षक दिवस 2022 पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) के हाथों राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित हरिद्वार जीआईसी भेल के अर्थशास्त्र के लेक्चरर (मास्टर ट्रेनर) प्रदीप नेगी हरिद्वार पहुंच चुके हैं. इस दौरान प्रदीप नेगी ने बताया कि जब वो 2 वर्ष की उम्र के थे, तब उन्हें पोलियो हो गया था. जिसके चलते उनके पैर खराब हो गए थे. मगर उनके माता-पिता ने उनके पढ़ाने में मेहनत की और प्रदीप नेगी ने उनकी मेहनत को सच करके दिखाया. दिव्यांग होने के बावजूद उन्होंने सफलता की ऊंचाई हासिल की है, जिसे पाने की हर किसी को लालसा होती है.
7-Uttarakhand Land Law: धर्म स्थलों के बारे में ये है भू कानून समिति की रिपोर्ट, लागू हुई तो समझिए...
उत्तराखंड में भू कानून समिति की रिपोर्ट धार्मिक लिहाज से भी बेहद खास है. दरअसल, समिति ने अपनी रिपोर्ट में धार्मिक स्थलों को लेकर पाबंदी से जुड़ी संस्तुतियां की हैं. यूं तो रिपोर्ट में किसी धर्म विशेष का उल्लेख नहीं है, लेकिन इसके बावजूद भाजपा सरकार इन मामलों पर किसी नए विवाद में घिर सकती है. ये विवाद उस धर्म विशेष से जुड़े मुद्दों को लेकर संभव है, जिसकी शिकायतें पूर्व में धामी सरकार को मिली थीं. सरकार ने इस पर जांच के निर्देश भी दिए थे. क्या है यह पूरा मामला समझिए.
8-उत्तराखंड में संस्कृत के पतन के लिए ब्यूरोक्रेट जिम्मेदार- डॉ राम भूषण बिजल्वाण
महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय में बीते रोज संस्कृत विद्यालय और महाविद्यालय शिक्षक संघ उत्तराखंड के प्रदेश स्तरीय संस्कृत शिक्षकों की बैठक (sanskrit teachers meeting) हुई. बैठक में राज्य की द्वितीय भाषा संस्कृत को बचाने के लिए चर्चा की गई. संस्कृत विद्यालय महाविद्यालय के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर राम भूषण बिजल्वाण (Dr Ram Bhushan Bijalwan) ने कहा कि संस्कृत भाषा हमारी दूसरी मातृभाषा है. लेकिन प्रदेश के ब्यूरोक्रेट संस्कृत भाषा को खत्म करना चाहते हैं.
9-ऋषिकेश के किसानों की मेहनत पर फिरा पानी, धान की फसल में लगा जड़ गलाऊ रोग
ग्रामीण क्षेत्रों में खेती करने वाले किसानों के सामने अब भुखमरी की आशंका सताने लगी है. यहां पर किसानों की धान की फसल पर जड़ गलाऊ रोग (disease on paddy crop) लग गया है. इसकी वजह से फसल में धान की बाली नहीं लग रही है और सैकड़ों बीघा फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. वहीं कृषि विभाग (Rishikesh Agriculture Department) के उदासीन रवैये देखकर किसान काफी खफा हैं.
10-तृतीय केदार तुंगनाथ दर्शन के लिए गए श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य हुआ खराब, एक की मौत
तृतीय केदार तुंगनाथ धाम (Rudraprayag Tungnath Dham) गए श्रद्धालुओं की देर रात्रि अचानक से तबीयत खराब हो गई. एसडीआरएफ को सूचना मिलने पर टीम रात के समय धाम पहुंची, मगर तब तक एक श्रद्धालु की मौत (Devotee Death in Tungnath Dham) हो चुकी थी. जबकि एक श्रद्धालु का ज्यादा स्वास्थ्य खराब होने पर उसे नीचे लाया गया. धाम में बहुत तेज बारिश हो रही है, जिस कारण श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतें हो रही हैं. चोपता मार्ग से तुंगनाथ धाम की दूरी साढ़े तीन किमी है.