1-सीएम की घोषणा को ठेंगा दिखा रही आउटसोर्स कंपनियां, कई जगह सफाई कर्मियों को नहीं मिल रहा ₹500 मानदेय
मुख्यमंत्री धामी (CM Pushkar Singh Dhami) की घोषणा के बाद भी पर्यावरण मित्रों को बढ़ा हुआ मानदेय नहीं मिल रहा है. इसके उलट आउटसोर्स एजेंसियों के संचालकों का सर्विस जार्च बढ़ने तथा जीएसटी, ईएसआई तथा जीपीएफ कटौती की अधिक धनराशि मिलने से उन्हें सर्वाधिक लाभ हुआ है. इन आउटसोर्सिंग एजेंसियों के संचालकों पर कर्मचारी शोषण के गंभीर आरोप भी लगाते रहते हैं.
2-घनसाली नगर पंचायत के अधिकारियों पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप, ईओ ने झूठ बताया
टिहरी में घनसाली नगर पंचायत के अधिकारियों पर नियमों के विपरीत काम करने का आरोप लगाया गया है. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि अपने चहेतों को लाभा दिलाने के लिए नगर पंचायत ने ऐसे कार्यों की विज्ञप्ति निकाली है, जो पहले ही हो चुके हैं. इसके साथ ही विज्ञप्ति बाहरी जिलों के समाचार पत्रों में प्रकाशित करने का भी आरोप है. नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुशील बहुगुणा ने आरोपों को गलत बताया है.
3-देहरादून महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटाए गए लालचंद शर्मा, गोगी को मिली जिम्मेदारी
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा (Congress State President Karan Mahara) ने डॉक्टर जसविंदर सिंह गोगी को देहरादून महानगर अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चकराता से विधायक प्रीतम सिंह (Chakrata MLA Pritam Singh) के करीबी माने जाने वाले लालचंद शर्मा (Dehradun Former Congress President) को पार्टी कार्यक्रमों से पैरलल कार्यक्रम चलाने का खामियाजा कांग्रेस महानगर अध्यक्ष पद की कुर्सी गंवाकर चुकाना पड़ा है.
4-शिवपुरी जंगल कैंप में चोरी करने वाला मैनेजर तिहाड़ गांव से गिरफ्तार, मोबाइल नकदी बरामद
ऋषिकेश के शिवपुरी जंगल कैंप से चोरी करके भागा मैनेजर गिरफ्तार कर लिया गया है. मुनि की रेती पुलिस ने पंकज नाम के मैनेजर को दिल्ली के तिहाड़ गांव से गिरफ्तार किया है. आरोपी मैनेजर से चोरी किया गया मोबाइल और पांच हजार रुपए बरामद हुए हैं. जिस स्कूटी को लेकर मैनेजर फरार हुआ था, वो पहले ही नैनीताल में सीज है.
5-अलकनंदा-मंदाकिनी नदियों के किनारे स्थित घाटों की स्थिति दयनीय, कब होगा कायाकल्प
रुद्रप्रयाग के धार्मिक स्थलों में लाखों की संख्या में यात्री पहुंचते हैं. शीतकाल में भी यहां पर्यटकों की भरमार रहती है. यहां आने वाले तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों को गंगा आरती, योग, ध्यान आदि करने के उद्देश्य से अलकनंदा व मंदाकिनी नदी किनारे बनाये गये घाट (Alaknanda and Mandakini river ghats) खंडहर में तब्दील हो गये हैं. 2017 में ही इन घाटों का निर्माण हुआ था, लेकिन पांच वर्षों में ही यह घाट जाने योग्य नहीं रह गये हैं.