1-देहरादून के रानीपोखरी में सामूहिक हत्याकांड, तीन बच्चों पत्नी और मां समेत 5 की हत्या, आरोपी गिरफ्तार
रानीपोखरी के नागाघेर गांव में भयानक हत्याकांड हुआ है. यहां एक शख्स ने परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी है. इस वहशी शख्स ने अपने तीन बच्चों, पत्नी और मां की हत्या कर दी है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. हत्यारा कितना क्रूर रहा होगा इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने अपने तीन मासूम बच्चों को भी नहीं बख्शा. उनकी भी हत्या कर दी. जिस जीवन संगिनी को वो सात जन्मों तक साथ रखने का वादा लेकर ब्याह लाया था, उसकी भी हत्या कर दी. और तो और जन्म देने वाली मां को भी हत्यारे ने मार डाला.
2-UKSSSC VPDO Paper Leak केस में 28वीं गिरफ्तारी, लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस का पूर्व कर्मी गिरफ्तार
उत्तराखंड एसटीएफ ने UKSSSC Paper Leak case में यूपी और उत्तराखंड के नकल माफिया के एक और गठजोड़ का पर्दाफाश किया है. वीपीडीओ परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में यूपी के चंदौली निवासी शशिकांत को गहन पूछताछ और साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया है. साथ ही एसटीएफ ने नकल के नए सेंटर का भी खुलासा किया है.
3-देहरादून में बारिश से मकान ढहा, दो महिलाओं और एक बच्चे की मौत
देहरादून में भारी बारिश के कारण एक मकान ढह गया. मलबे में दो महिलाओं और एक बच्चा दब गया. दोनों की मौत हो गई. मकान ढहने की घटना देहरादून के काट बंगला राजपुर रोड के पास हुई है.
4-हरिद्वार में चल रहा अपराधियों का राज, ड्रग अवैध शराब और सट्टेबाजों का अड्डा बनी धर्मनगरी
हरिद्वार भले उत्तराखंड की राजधानी ना हो, लेकिन यह क्राइम की राजधानी जरूर बनती जा रही है. वैसे हरिद्वार धर्म और अध्यात्म की राजधानी होनी चाहिए थी, लेकिन हरिद्वार में धड़ल्ले से हो रहे अपराध और यहां के गली मोहल्लों में बिकने वाले मादक पदार्थ यहां की मान और मर्यादा को जरूर कलंकित करने के साथ पुलिसिया रुआब पर सवालिया निशान लगा रहे हैं.
5-विधानसभा में भाई भतीजावाद वाली भर्तियों पर हरीश रावत की रहस्यमय चुप्पी, क्या कुंजवाल हैं कारण
उत्तराखंड विधानसभा में हुई भर्ती सवालों के घेरे में हैं. इन नियुक्तियों में मंत्रियों के चहेतों ने जमकर फायदा उठाया. लेकिन इस मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत ने चुप्पी साधी हुई है. हरीश रावत की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है. विधानसभा में जिस तरह भाई भतीजावाद को लेकर भाजपा सरकार को घेरा जा रहा है, ऐसी ही नियुक्तियां हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए भी विधानसभा में की गई थीं.