1.जल प्रलय रेस्क्यू LIVE: आठवें दिन भी बचाव-राहत कार्य जारी, दो और शव मिले
तपोवन टनल से एक और शव बरामद हुआ है. बता दें कि आज सुबह टनल से दो शव बरामद हुए थे. NDRF के कमांडेंट ने बताया, "हमने टनल से अब तक तीन शव निकाले हैं.
2.चमोली जल प्रलय: आपदा से पहले मछलियों ने दिया था संकेत! जानिए क्या है वजह?
आम जिंदगी में भी अमूमन ऐसी तमाम घटनाएं लोगों के साथ घटित हो जाती हैं, जिसको लेकर लोग काफी आश्चर्यचकित हो जाते हैं. चमोली जिले के जोशीमठ स्थित रैणी गांव में आई आपदा से कुछ घंटे पहले अलकनंदा नदी में मौजूद मछलियां किनारों की ओर भागने लगी थी. जिसको देखर लोग हैरान रह गए थे.
3.CM के निजी स्टाफ पर भारी-भरकम खर्च, RTI से मिली जानकारी में हुए चौंकाने वाले खुलासे
मुख्यमंत्री के पास सरकारी अमले के अलावा 28 निजी लोगों का स्टाफ है, जिन्हें हर महीने मोटा भुगतान किया जा रहा है. इतना ही नहीं कई लोगों के मोबाइल के बिलों का भुगतान भी सरकार द्वारा किया जा रहा है.
4.चमोली आपदा: ऋषिगंगा झील इलाके से लौटी मॉनिटरिंग टीम, मिली अहम जानकारियां
चमोली आपदा के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान ऋषिगंगा झील के मुहाने से जल स्तर बढ़ने और रिसाव की जानकारी सामने आई है. 12 फरवरी को SDRF उत्तराखंड पुलिस की मॉनिटरिंग टीम रैणी गांव के ऊपर हिमालयी क्षेत्र में बनी झील के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाने पैदल मार्गों से जलभराव क्षेत्र पहुंची. इससे पूर्व में ग्लेशियर सहित अन्य कारणों से अत्यधिक मात्रा में पानी यहां रुक गया था. जिसके कारण आम जनमानस में भय का माहौल बना हुआ है.
5.आपदा के बाद जागी सरकार, 20 साल से पुनर्वास का इंतजार कर रहे 300 से ज्यादा गांव
चमोली जिले में त्रासदी की तस्वीरें सभी ने देखीं और इससे कुछ गांव भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. आपदा के इन हालातों को देखकर फिर एक बार उन संवेदनशील गांवों के विस्थापन की आवाज तेज होने लगी है, जो पिछले 20 सालों से विस्थापन का इंतजार कर रहे हैं. प्रदेश में शायद ही कोई बरसात का मौसम गुजरा हो, जब लैंडस्लाइड या तबाही मचाती बरसात ना देखने को मिली हो. इन्हीं हालातों के साथ प्रदेश में ऐसे गांवों की संख्या भी बढ़ती जा रही है, जो अब आपदा के लिहाज से संवेदनशील माने जा रहे हैं. मौजूदा समय में 300 से ज्यादा ऐसे गांव हैं, जो राज्य में आपदा के मुहाने पर खड़े हैं.