देहरादूनः उत्तराखंड एसटीएफ सूबे में मकड़जाल की तरह फैल चुकी ड्रग्स तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए मुंबई पुलिस की तर्ज पर एक ऐसी डिटेक्टर मशीन खरीदने जा रही है, जिससे मिनटों में ड्रग तस्करी को ट्रैक किया जा सकेगा. जी हां, उत्तराखंड एसटीएफ ने पुलिस मुख्यालय को प्रस्ताव बनाकर भारी संख्या में HND (हैंडहेल्ड नारकोटिक्स डिटेक्टर) खरीदने का आग्रह किया है.
बता दें कि अभी तक उत्तराखंड में मुखबिर की सूचना और अन्य तरह की जानकारी के आधार पर ही नशा तस्करों को पकड़ने का पुराना तरीका चेकिंग व छानबीन वाली कार्रवाई को अपनाई जाती है. ऐसे में कई बार शातिर तस्करों की ओर से ड्रग्स व नशीले पदार्थों की खेप को ऐसे जगह छुपाया जाता है, जिसे ढूंढ पाना कई बार बेहद मुश्किल भरा हो जाता है. इसी शातिरपन से पुलिस तंत्र की आंखों में धूल झोंक कर नशा तस्कर अपने काले धंधे को अंजाम देते हैं, लेकिन अब इसका हल एसटीएफ ने मुंबई पुलिस की तर्ज पर एक खास यंत्र HND उपकरण के जरिए निकाल लिया है.
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इस हैंडहेल्ड नारकोटिक्स डिटेक्टर यंत्र के जरिए छोटी सी छोटी मात्रा स्मैक, चरस, हीरोइन, अफीम समेत नशे की गोलियां, इंजेक्शंस या किसी भी प्रकार के मादक पदार्थ को आसानी से यह आधुनिक मशीन ट्रैक कर लेगी. यानी नशा तस्करी की धरपकड़ कार्रवाई में यह हाईटेक मशीन 'हैंडहेल्ड नारकोटिक्स डिटेक्टर' आसानी से किसी भी तरह के नशीले पदार्थ को ट्रैक करने में आसानी होगी.
उत्तराखंड एसटीएफ के पास यह स्पेशल आधुनिक HND (हैंडहेल्ड नारकोटिक्स डिटेक्टर) के आ जाने से न सिर्फ हरिद्वार, देहरादून, ऋषिकेश जैसे तमाम अन्य जिलों में मकड़जाल की तरह फैल चुके नशा तस्करों लगाम लगाने में प्रभावी सफलता मिलेगी. बल्कि, ड्रग्स तस्करों को पकड़ने की शत-प्रतिशत सफलता भी मिलेगी.
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वहीं, उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक ड्रग्स को पकड़ने की मशीन के अलावा कई ऐसे उपकरण और संसाधन खरीदने का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा गया है. जिसके उपलब्ध होने के उपरांत राज्य में नशीले पदार्थों समेत अन्य तरह की आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. अभी मुख्यालय स्तर पर प्रस्ताव विचारणीय है, उम्मीद है कि ड्रग्स डिटेक्टर मशीन समेत अन्य आवश्यक उपकरणों व संसाधन पर भी सकारात्मक निर्णय आएगा.