लालच का लॉलीपॉप देकर लाखों की साइबर ठगी देहरादून: एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस ने यूट्यूब वीडियो लाइक और सब्सक्राइब कर जल्दी पैसे कमाने का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह के भूटानी नागरिक और तिब्बती नागरिक (संदिग्ध चाईनीज) को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों ने हॉंगकॉंग,वियतनाम और चाइना में 500 से ज्यादा फर्जी सिम भेजे थे. जिन्हें देशभर में हो रहे तमाम चीनी घोटालों में प्रयोग किया जा रहा है. गिरफ्तार आरोपी साइबर ठगों को फर्जी सिम कार्ड देने का काम करते थे. आरोपियों द्वारा जो भी सिम कार्ड भेजे गए हैं उनकी जांच की जा रही है.
22 लाख से अधिक का ऑनलाइन फ्रॉड:साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को शिकायत मिली की साइबर ठग ने मोबाइल नंबर से पीड़ित को मैसेज किया. खुद को फोनकर्ता ने Rankon Technologies (India) से बताकर टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर लिंक भेजकर यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर फॉलो व सबस्क्राइब करने आदि सम्बन्धी टास्क देकर लाभ कमाने के लिए कहा. पीड़ित फोनकर्ता के झांसे में आ गया. जिसके बाद अलग-अलग तारीखों में अलग-अलग खातो में लेन देन के माध्यम से ऑनलाइन कुल 22,89,260 रुपये की धोखाधड़ी पीड़ित के साथ की गई. पीड़ित की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया.
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दिल्ली से हुई गिरफ्तारी:आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया. आरोपियों ने पीड़ित को जो खाता संख्या और मोबाइल नंबर दिए थे उसकी जानकारी जुटाई गई. खाताधारक के सम्बन्ध में जानकारी मिलने के बाद एक तिब्बती नागरिक तेन्जिंग चोफेल निवासी मजनू का टीला, न्यू अरुणानगर दिल्ली और एक भूटानी नागरिक ललिता थापा को तिमारपुर दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. आरोपियों के कब्जे से 82 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं.
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ऐसे करते थे ठगी:एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया आरोपियों ने नामी गिरामी कम्पनियों की फर्जी वेबसाइट बनाई थी. जिससे ये आम जनता से व्हाट्सएप, ई-मेल, मोबाइल और अन्य सोशल साईटों के माध्यम से सम्पर्क करते थे. ये खुद को अलग-अलग नामी-गिरामी कम्पनियों के एचआर और कर्मचारी बताकर ऑनलाइन टास्क कर रुपये कमाने का लालच देते थे. साथ ही लिंक भेजकर टेलीग्राम एप डाउनलोड करवाकर और अपने टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ते थे. उसके बाद सिग्नल एप के माध्यम से अलग-अलग यू ट्यूब वीडियो लाइक और सब्स्क्राइब करने के टास्क देते थे. उसमें निवेश कर अधिक लाभ कमाने का लालच देकर धोखाधड़ी से अलग-अलग लेन देन के माध्यम से धनराशि प्राप्त करते थे. धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को अलग-अलग बैंक खातों में प्राप्त कर उसका इस्तेमाल करते थे. इस पूरी प्रक्रिया में भारत में बैठे ऐसे विदेशी मूल के नागरिकों द्वारा भारत से बाहर फर्जी सिम कार्ड भेजे जाते है जिनसे पूरे देश भर में साइबर ठगी की जा रही है.