देहरादूनःउत्तराखंड एसटीएफ ने सुप्रीम कोर्ट और सेबी के फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी, गैर सरकारी भूमियों को ठिकाने लगाने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि करीब 100 करोड़ से ज्यादा भूमि की खरीद फरोख्त की गई है.
उत्तराखंड एसटीएफ (Uttarakhand STF) के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और उत्तराखंड के देहरादून का एक संगठित भू माफिया गिरोह है. जो कि अलग-अलग स्थानों से जमीनों की धोखाधड़ी में जेल जा चुका है. इसी गिरोह ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से सीज की गई जमीन सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों के कर्मचारियों के साथ साठगांठ कर पहले फर्जी दस्तावेज तैयार किए.
उसके बाद PGF लिमिटेड वैशाली बिल्डिंग पश्चिम विहार नई दिल्ली की मदद से देहरादून के भाऊवाला, धोरणखास, तरला आमवाला, बडोवाला और मसूरी जैसे स्थानों में हजारों करोड़ की भूमि की अचल संपत्ति को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एसपीके वर्ल्डकॉम, देहरादून (SPK Worldcom Pvt Ltd) के नाम आवंटित कर दिया. साथ ही उत्तराखंड, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के लोगों को करीब 160 बीघा जमीन बेच कर 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति गबन कर दी.
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संजीव और पूजा मलिक ने किया फर्जीवाड़े का खेलःएसटीएफ के मुताबिक इस पूरे भूमि फर्जीवाड़े में जब सेबी (SEBI) से पत्राचार किया गया तो पता चला कि संजीव मलिक और पूजा मलिक ने सेबी और सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति के पत्रों के आधार पर रजिस्ट्री एवं एग्रीमेंट कराए हैं, वो न तो SEBI और न ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति ने जारी किए गए हैं. ऐसे में यह पूरा जालसाजी का गोरखधंधा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किया गया.
दिल्ली से पंजाब तक ठिकाना बदल छिपता रहा मुख्य आरोपी संजीवःमुख्य आरोपीसंजीव मलिक को जब एसटीएफ जांच का पता चला तो वो देहरादून से दिल्ली फरार हो गया. इतना ही नहीं वो दिल्ली से लुधियाना और अमृतसर में होटलों में ठहरा. जहां पैसे के दम पर इस फर्जीवाड़े से जुड़े गवाहों को प्रभावित करता रहा. इसके बावजूद एसटीएफ की टीम सूचना के आधार पर लुधियाना के एक होटल में पहुंची.