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बड़ी कंपनी का मोबाइल टावर लगाने के नाम पर 15 लाख की ठगी, गैंग का सरगना कोलकाता से गिरफ्तार

उत्तराखंड एसटीएफ ने एक बड़ी कंपनी का मोबाइल टावर लगाकर लाभ कमाने का लालच देने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. उत्तराखंड एसटीएफ ने "ऑपरेशन त्रिनेत्र" के तहत देशभर में ठगी का गोरखधंधा करने वाले गैंग के मुख्य आरोपी को पश्चिम बंगाल के कोलकाता से गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से लैपटॉप, 5 मोबाइल, 13 सिम कार्ड, 6 डेबिट कार्ड और एक पैन कार्ड सहित आधार कार्ड बरामद हुआ है.

उत्तराखंड एसटीएफ
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Published : Mar 7, 2022, 2:01 PM IST

Updated : Mar 7, 2022, 3:09 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स ने देश की एक बड़ी कंपनी का मोबाइल टावर लगाकर लाभ कमाने का लालच देने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. उत्तराखंड एसटीएफ ने "ऑपरेशन त्रिनेत्र" के तहत देशभर में ठगी का गोरखधंधा करने वाले गैंग के मुख्य आरोपी को पश्चिम बंगाल के कोलकाता से गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से लैपटॉप, 5 मोबाइल, 13 सिम कार्ड, 6 डेबिट कार्ड और एक पैन कार्ड सहित आधार कार्ड बरामद हुआ है. बता दें कि, आरोपी ने देहरादून के रायपुर निवासी के घर पर टावर लगाने के नाम पर 14 लाख की ठगी की थी.

बता दें कि, उत्तराखंड एसटीएफ व साइबर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के अंतर्गत गिरफ्तार मनीष कुमार दास वर्तमान में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में रोहरा लेजेंड फ्लैट-4सी चौथी मंजिल गौरंगा नगर न्यू टाउन रहता था. मूल रूप से मनीष ओडिसा के ग्राम तेलनपाली पोस्ट/थाना बनहर पाली जिला झारसुगुडा का रहने वाला बताया जा रहा है.

बता दें कि, गिरफ्तार आरोपी के गिरोह द्वारा देहरादून के रायपुर स्थित एक निवासी से मोबाइल टावर लगाकर लाभ कमाने का लालच देकर 14 लाख की साइबर ठगी की गई थी. उत्तराखंड एसटीएफ ने इस मामले में इस गिरोह के दो अन्य फरार आरोपियों के खिलाफ 41 (क) सीआरपीसी के तहत नोटिस तामील कर उनकी भी धरपकड़ की कोशिश शुरू कर दी है.

उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स के मुताबिक मोबाइल टावर लगाने के नाम पर देशभर में धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के बैंक खाते SBI, बैंक ऑफ बड़ौदा और बंधन बैंक जैसे बैंकों में मिले हैं. इन्हीं खातों द्वारा धोखाधड़ी की रकम ट्रांसफर की जाती थी. ऐसे में संबंधित बैंकों से एविडेंस एकत्र किया गया है.

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अपराध का तरीकाःउत्तराखंड एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी मनीष द्वारा अपनी एक महिला मित्र और अन्य साथियों के साथ मिलकर आम लोगों को फोन के माध्यम से संपर्क कर उनके घर में बड़ी कंपनी का टावर लगाने की स्कीम बताकर कंपनी द्वारा लाखों रुपये कमाने का लालच दिया जाता है. ऐसे में जो लोग जाल में फंस जाते हैं. उनको मनीष द्वारा कंपनी का एक फर्जी अप्रूवल लेटर प्रेषित करने के उपरांत धोखाधड़ी से लाखों की धनराशि को अन्य खातों में ट्रांसफर कर ठगी की घटना को अंजाम दिया जाता है. इस पूरे ठगी के जाल में मनीष के गिरोह में उसकी महिला मित्र पूजा चक्रवर्ती (26) जो मूल रूप कोलकाता के मकान नंबर-5 (A) तरुलिया 1 लेन पोस्ट ऑफिस- कृष्णापुर, थाना न्यू टाउन शामिल हैं.
धोखाधड़ी के लिए तीसरे सदस्य के बैंक खाते का होता है इस्तेमाल:उत्तराखंड एसटीएफ ने बताया कि मोबाइल टावर लगाने के नाम पर देशभर में ठगी का जाल बिछाने वाले मनीष कुमार दास के गिरोह में शामिल तीसरे सदस्य- दूध कुमार हलदर की अहम भूमिका हैं. जो अपने बैंक खातों के जरिए धोखाधड़ी की रकम ठगी के जाल में फंसने वाले लोगों से ट्रांसफर करता है. तीसरा सदस्य दूध कुमार हलदर (38) जो मूल रूप से कोलकाता के ग्राम आटापारा, पोस्ट धोपाहाट कृष्णपुर थाना मंदिर बाजार, जिला सुन्दरवन का रहने वाला है, धोखाधड़ी की रकम इसी के बैंक खातों से निकासी कर गिरोह में बांटी जाती है.

पौड़ी में भी साइबर ठगी:उधर पौड़ी में भी एक व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार हो गया था. एसएसपी ने बताया कि 27 फरवरी को पदमपुर सुखरो, कोटद्वार निवासी रविन्द्र सिंह पुत्र फतेह सिंह के खाते से 69 हजार की धनराशि की ठगी करने की सूचना दर्ज कराई गई. उन्होंने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ये धनराशि उड़ाई है.

जिले की साइबर क्राइम सेल द्वारा कार्रवाई करते हुए पीड़ित के खाते से कटी धनराशि के पूरे लेन-देन का विवरण प्राप्त किया गया. यही नहीं टीम ने पीड़ित के खाते से कटी धनराशि को लेकर सम्बन्धित पेमेन्ट गेटवे के नोडल अधिकारी से भी पूछताछ की. जिस पर पुलिस टीम ने साइबर ठगी की पूरी धनराशि पीड़ित के खाते में वापस जमा करवा दी. एसएसपी यशवंत सिंह चौहान ने सभी लोगों को मौजूदा समय में साइबर क्राइम के प्रति सचेत रहने को कहा है.

Last Updated : Mar 7, 2022, 3:09 PM IST

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