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360 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का मामला, एक और आरोपी चढ़ा STF के हत्थे - उत्तराखंड पुलिस प्रवक्ता अभिनव कुमार

पावर बैंक एप धोखाधड़ी (power bank app fraud case) मामले में उत्तराखंड एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक और आरोपी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है. प्रकरण में 4 मुकदमे पंजीकृत किये गये और 8 खातों में लगभग 30 लाख रुपये फ्रीज कराये गए हैं.

आरोपी प्रकाश बैरागी यूपी से गिरफ्तार
आरोपी प्रकाश बैरागी यूपी से गिरफ्तार

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Published : Jun 11, 2021, 8:18 PM IST

Updated : Jun 11, 2021, 9:53 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड एसटीएफ (uttarakhand STF) और साइबर क्राइम पुलिस (cyber crime police) ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए पावर बैंक एप धोखाधड़ी मामले (power bank app fraud case) में अंतरराष्ट्रीय गिरोह के एक और सदस्य को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है. प्रकरण में 4 मुकदमे पंजीकृत किये गये और 8 खातों में लगभग 30 लाख रुपये फ्रीज कराये गए हैं.

उत्तराखंड पुलिस प्रवक्ता अभिनव कुमार ने बताया की अब तक पुलिस टीम द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विभिन्न स्थानों में दबिश दी गयी है, जिसमें एक अन्य आरोपी प्रकाश बैरागी को लखीमपुर खीरी से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी Maojaza Technology और Sumyth Pvt. Ltd का डायरेक्टर है, जिसकी कंपनी के खातों में पावर बैंक एप के माध्यम से धोखाधड़ी के लगभग 57 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है. वहीं, टीम द्वारा 8 जून को गिरफ्तार हुए आरोपी पवन कुमार पाण्डेय के बैंक खातों में लगभग 28 लाख रुपये फ्रीज कराये हैं.

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आज गिरफ्तार हुए आरोपी प्रकाश बैरागी के खातों में 50 हजार रुपये फ्रीज कराये गये. साईबर थाने द्वारा धोखाधड़ी से प्राप्त कुछ धनराशि को क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से चीन भेजे जाने के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं. साथ ही धोखाधड़ी के लिए प्रयुक्त पावर बैंक एप को Hong Kong China से संचालित किया जा रहा था. इसमें विदेशी नागरिकों और कंपनियों के जुड़े होने के साक्ष्य प्राप्त होने के कारण राष्ट्रीय एजेंसियों CBI, IB, ED आदि से भी समंवय स्थापित कर सहयोग लिया जा रहा है. साथ ही अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से भी संपर्क स्थापित करने का प्रयास जारी है.

एक और आरोपी चढ़ा STF के हत्थे

वर्तमान में प्रचलित अन्य कई संदिग्ध एप के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई है, जो इसी प्रकार के अवैध कार्यों मे लिप्त है. जिनमें EZ Point, Sun factory, Lightening Power Bank, EZ Coin, Fish+ आदि सम्मिलित है. Fish+ नामक एप द्वारा की जा रही धोखाधड़ी से संबंधित शिकायत जनपद उत्तरकाशी निवासी व्यक्ति के माध्यम से प्राप्त हुई है.

उत्तराखंड STF की ओर से पावर ऐप के जरिए रकम दोगुनी करने के नाम पर 360 करोड़ रुपये ठगी के खुलासे के बाद देश के अन्य राज्यों की पुलिस भी हरकत में आ गई. मामले में गिरोह के एक और सदस्य को गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले मामले में दिल्ली पुलिस ने 5 और बेंगलुरु पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया था. ठगी का नेटवर्क पता लगाने के लिए प्रदेश की STF भी पकड़े गए लोगों से पूछताछ कर रही है. STF की ओर से अभी तक 360 करोड़ की धोखाधड़ी का ब्यौरा जुटाया गया है. वहीं मामले के खुलासे के बाद ऐप के जरिए हजारों-लाखों रुपये गवां चुके लोग साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराने आ रहे हैं.

ऑनलाइन धोखाधड़ी का पर्दाफाश

एसटीएफ की टीम ने विदेशी व्यापारियों द्वारा भारत के बैंक खातों के माध्यम से की जा रही ऑनलाइन धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया. आरोप है कि ये साइबर ठग आम जनता को गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) पर मौजूद पावर बैंक नामक एप में निवेश कर पैसे दोगुना करने का लालच देते थे. वहीं, मामले में एसटीएफ ने ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सदस्य पवन कुमार पांडेय को नोएडा से गिरफ्तार किया था.

पावर बैंक एप के जरिए धोखाधड़ी

बताया जा रहा है कि यह धोखाधड़ी देश की सबसे बड़ी साइबर धोखाधड़ी है. पावर बैंक एप फरवरी 2021 से 12 मई 2021 तक संचालन में रही, जिसमें साइबर थाने द्वारा वित्तीय लेनदेन का अध्ययन किया गया तो विभिन्न खातों में करीब 360 करोड़ धनराशि की धोखाधड़ी सामने आई है. गौरतलब है कि इस एप को संभावित 50 लाख लोगों द्वारा पूरे भारतर्ष में डाउनलोड किया गया है.

रोहित की शिकायत में मामले का हुआ खुलासा

साइबर अपराधियों द्वारा पावर बैंक नामक एप के माध्यम से पैसे इन्वेस्ट करने पर 15 दिन मे पैसे दोगुने करने का लालच देकर आम जनता से धनराशि जमा कराकर करोड़ो रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे. इस क्रम में एक प्रकरण साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को मिला, जिसमें पीड़ित रोहित कुमार निवासी श्यामपुर जनपद हरिद्वार ने शिकायत दर्ज कराई. उसने बताया कि उसके दोस्त ने कहा कि पावर बैंक एप के माध्यम से पैसे इन्वेस्ट करने पर 15 दिन मे पैसे दोगुने हो जाते है. उसकी बातों मे आकर पीड़ित ने पावर बैंक नामक ऐप पर अलग-अलग तरीको से 91,200 और 73,000 हजार रुपये जमा कराकर, उसके साथ धोखाधड़ी की गयी.

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STF और साइबर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई

पीड़ितों की तहरीर पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में आइटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए STF और साइबर थाने की संयुक्त टीम का गठन किया गया. इस तरह का मामला जनपद टिहरी में भी एक मुकदमा पंजीकृत है. पुलिस टीम ने आरोपियों द्वारा प्रयोग किये गए मोबाइल नंबर और पीड़ित से धनराशि जिन बैक खातों और ऑनलाईन मर्चेंट या वॉलेट में प्राप्त की गयी, उनकी संबंधित दूरभाष कंपनी, बैक और वॉलेट नोडल अधिकारियों से जानकारी की ली.

RAZORPAY और PAYU से पैसों का ट्रांसफर

जानकारी करने पर पता चला कि सभी धनराशि विभिन्न वॉलेट के माध्यम से अलग-अलग बैंक खातो में भेजी जा रही थी. RAZORPAY और PAYU के माध्यम से पैसा ICICI बैंक के खाते और पेटीएम बैंक में ट्रांसफर कराये गये. साथ ही यह भी पता चला कि प्रतिदिन करोड़ो का लेन देन बैंक खातों में किया जाता है. साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन द्वारा इन खातो का तकनीकी जांच करने पर पता चला कि पेटीएम बैंक का खाता प्रमुख संदिग्ध खाता था. जिसका संचालन पवन कुमार पाण्डेय निवासी नोयडा उप्र के द्वारा किया जा रहा था.

मुख्य सरगना पवन कुमार पांडेय गिरफ्तार

साइबर थाना और एसटीएफ की संयुक्त टीम का गठन किया गया. आरोपियों की गिरफ्तारी के टीम को लिए उप्र, दिल्ली एनसीआर के लिए रवाना किया गया. STF और साइबर क्राइम पुलिस टीम ने ठगी करने वाले संगठित गिरोह के सदस्य पवन कुमार को नोयडा सेक्टर-99 से गिरफ्तार किया. आरोपी के कब्जे से 19 लैपटॉप, 592 सिम कार्ड, 5 मोबाइल फोन, 4 एटीएम कार्ड और एक पासपोर्ट बरामद किया गया. मामले में आरोपी के खिलाफ धारा 3/21, 4/22 Banning of unregulated deposit Scheme act 2019 का मुकदमा दर्ज किया गया.

निवेशकों को कमीशन का लालच

कुछ विदेशी बिजनेसमैन भारत में कुछ निवेशकों से दोस्ती कर उनको विभिन्न व्यापार के नाम पर अपने साथ कमीशन देने के नाम पर जोड़ते हैं. इसी तरह इस मुकदमे में सामने आया कि इस प्रकार विभिन्न ऑनलाइन एप पूर्व में लोन प्रदान करती थी. अब अपराध के तरीके मे बदलाव कर ये लोगों का विश्वास जीतकर रिचार्ज और पैसा दोगुना करने का प्रलोभन देकर धनराशि निवेश करवाते हैं.

भारतीय बैंक खाता और सिम का उपयोग

इस धोखाधड़ी के लिए भारतीय नागरिकों का ही बैंक खाता और उनका मोबाइल नंबर का प्रयोग किया जाता है. शुरू में कुछ व्यक्तियों को पैसे वापस भी किये जाते है, जिससे सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार से इनका यह अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध पूरे देश में पैर पसार सकें. प्रतिदिन करोड़ों धनराशि एक खाते से दूसरे खाते और उसके आगे विभिन्न खातो में ट्रांसफर कराकर पुलिस को भ्रमित करने का प्रयास करते है. अपराध में प्रयोग बैंक खाते विभिन्न फर्जी कम्पनियों के नाम से रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी (Registrar of Companies) में पंजीकृत है.

25 संदिग्ध एप की सूची

इसी प्रकार 25 एप जो संदिग्ध कार्य में लगी है, उनकी सूची प्राप्त हुई है. यह भी पाया गया कि इस धनराशि को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर यह चीन और अन्य राष्ट्रों में भेजी जा रही हैं. जहां इसको स्थानीय मुद्रा में बदल दिया जाता है. इस प्रकार भारत के पैसे को अन्य राष्ट्र की मुद्रा में परिवर्तित करने का एक बहुत बड़ा संगठित अंतरराष्ट्रीय गिरोह चल रहा है. इस तरह के मामले में 20 अन्य शिकायतें भी प्राप्त हुई हैं, जिनकी जांच की जा रही है.

Last Updated : Jun 11, 2021, 9:53 PM IST

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