देहरादून:उत्तराखंड एसटीएफ (uttarakhand STF) और साइबर क्राइम पुलिस (cyber crime police) ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए पावर बैंक एप धोखाधड़ी मामले (power bank app fraud case) में अंतरराष्ट्रीय गिरोह के एक और सदस्य को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है. प्रकरण में 4 मुकदमे पंजीकृत किये गये और 8 खातों में लगभग 30 लाख रुपये फ्रीज कराये गए हैं.
उत्तराखंड पुलिस प्रवक्ता अभिनव कुमार ने बताया की अब तक पुलिस टीम द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विभिन्न स्थानों में दबिश दी गयी है, जिसमें एक अन्य आरोपी प्रकाश बैरागी को लखीमपुर खीरी से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी Maojaza Technology और Sumyth Pvt. Ltd का डायरेक्टर है, जिसकी कंपनी के खातों में पावर बैंक एप के माध्यम से धोखाधड़ी के लगभग 57 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है. वहीं, टीम द्वारा 8 जून को गिरफ्तार हुए आरोपी पवन कुमार पाण्डेय के बैंक खातों में लगभग 28 लाख रुपये फ्रीज कराये हैं.
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आज गिरफ्तार हुए आरोपी प्रकाश बैरागी के खातों में 50 हजार रुपये फ्रीज कराये गये. साईबर थाने द्वारा धोखाधड़ी से प्राप्त कुछ धनराशि को क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से चीन भेजे जाने के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं. साथ ही धोखाधड़ी के लिए प्रयुक्त पावर बैंक एप को Hong Kong China से संचालित किया जा रहा था. इसमें विदेशी नागरिकों और कंपनियों के जुड़े होने के साक्ष्य प्राप्त होने के कारण राष्ट्रीय एजेंसियों CBI, IB, ED आदि से भी समंवय स्थापित कर सहयोग लिया जा रहा है. साथ ही अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से भी संपर्क स्थापित करने का प्रयास जारी है.
वर्तमान में प्रचलित अन्य कई संदिग्ध एप के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई है, जो इसी प्रकार के अवैध कार्यों मे लिप्त है. जिनमें EZ Point, Sun factory, Lightening Power Bank, EZ Coin, Fish+ आदि सम्मिलित है. Fish+ नामक एप द्वारा की जा रही धोखाधड़ी से संबंधित शिकायत जनपद उत्तरकाशी निवासी व्यक्ति के माध्यम से प्राप्त हुई है.
उत्तराखंड STF की ओर से पावर ऐप के जरिए रकम दोगुनी करने के नाम पर 360 करोड़ रुपये ठगी के खुलासे के बाद देश के अन्य राज्यों की पुलिस भी हरकत में आ गई. मामले में गिरोह के एक और सदस्य को गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले मामले में दिल्ली पुलिस ने 5 और बेंगलुरु पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया था. ठगी का नेटवर्क पता लगाने के लिए प्रदेश की STF भी पकड़े गए लोगों से पूछताछ कर रही है. STF की ओर से अभी तक 360 करोड़ की धोखाधड़ी का ब्यौरा जुटाया गया है. वहीं मामले के खुलासे के बाद ऐप के जरिए हजारों-लाखों रुपये गवां चुके लोग साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराने आ रहे हैं.
ऑनलाइन धोखाधड़ी का पर्दाफाश
एसटीएफ की टीम ने विदेशी व्यापारियों द्वारा भारत के बैंक खातों के माध्यम से की जा रही ऑनलाइन धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया. आरोप है कि ये साइबर ठग आम जनता को गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) पर मौजूद पावर बैंक नामक एप में निवेश कर पैसे दोगुना करने का लालच देते थे. वहीं, मामले में एसटीएफ ने ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सदस्य पवन कुमार पांडेय को नोएडा से गिरफ्तार किया था.
पावर बैंक एप के जरिए धोखाधड़ी
बताया जा रहा है कि यह धोखाधड़ी देश की सबसे बड़ी साइबर धोखाधड़ी है. पावर बैंक एप फरवरी 2021 से 12 मई 2021 तक संचालन में रही, जिसमें साइबर थाने द्वारा वित्तीय लेनदेन का अध्ययन किया गया तो विभिन्न खातों में करीब 360 करोड़ धनराशि की धोखाधड़ी सामने आई है. गौरतलब है कि इस एप को संभावित 50 लाख लोगों द्वारा पूरे भारतर्ष में डाउनलोड किया गया है.
रोहित की शिकायत में मामले का हुआ खुलासा
साइबर अपराधियों द्वारा पावर बैंक नामक एप के माध्यम से पैसे इन्वेस्ट करने पर 15 दिन मे पैसे दोगुने करने का लालच देकर आम जनता से धनराशि जमा कराकर करोड़ो रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे. इस क्रम में एक प्रकरण साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को मिला, जिसमें पीड़ित रोहित कुमार निवासी श्यामपुर जनपद हरिद्वार ने शिकायत दर्ज कराई. उसने बताया कि उसके दोस्त ने कहा कि पावर बैंक एप के माध्यम से पैसे इन्वेस्ट करने पर 15 दिन मे पैसे दोगुने हो जाते है. उसकी बातों मे आकर पीड़ित ने पावर बैंक नामक ऐप पर अलग-अलग तरीको से 91,200 और 73,000 हजार रुपये जमा कराकर, उसके साथ धोखाधड़ी की गयी.