देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. जिसके चलते राज्य सरकार पर्यटन से जुड़ी व्यवस्थाओं को बेहतर करने की कवायद में जुटी रहती है. उत्तराखंड देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है. यही वजह है कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन से जुड़े श्रद्धालु भारी तादाद में पहुंचते हैं. वहीं, धार्मिक पर्यटन से अतिरिक्त अन्य पर्यटन गतिविधियों की भी उत्तराखंड में काफी संभावना है. जिसके तहत राज्य सरकार, साहसिक खेलों, फ़िल्म टूरिज्म, मेडिकल टूरिज्म समेत पर्यटन गतिविधियों पर जोर दे रही है. जिससे प्रदेश की ओर सैलानियों का रुझान बढ़ सके. मौजूदा स्थिति में प्रदेश में पर्यटकों का रुझान बढाने की कोशिशें हो रही हैं आइये जानते हैं.
कोरोना संक्रमण से पहले हर साल उत्तराखंड में आने वाले सैलानियों की संख्या करीब 4 करोड़ थी. जिसमें से धार्मिक पर्यटन के लिए उत्तराखंड आने वाले सैलानियों की संख्या लगभग आधे से कम ही रही. वहीं, उत्तराखंड सरकार धार्मिक पर्यटन के साथ ही साहसिक पर्यटन समेत अन्य गतिविधियों को भी बढ़ाये जाने पर भी जोर दे रही है, ताकि प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो सके.
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इसी क्रम में एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से दो दिवसीय उत्तराखंड एडवेंचर फेस्ट का भी आयोजन किया गया. जिसमें एडवेंचर टूरिज्म से जुड़े तमाम लोग शामिल हुए. उत्तराखंड राज्य में साहसिक गतिविधियों की भी अपार संभावनाएं और शुरू से ही साहसिक गतिविधियां प्रदेश में होती रही हैं, मगर कोरोना संक्रमण की दस्तक के साथ पर्यटन उद्योग को काफी नुकसान पहुंचा है. लिहाजा सरकार एक बार फिर से पर्यटन गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करना शुरू कर दिया है.
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यही वजह है कि राज्य सरकार धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ साहसिक पर्यटन पर भी जोर दे रही है. अमूमन यह देखने को मिला है कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन से अलग पर्यटक उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों के साथ ही साहसिक खेलों का लुफ्त उठाने के लिए उत्तराखंड आते रहे हैं. पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हर साल करीब चार करोड़ सैलानी उत्तराखंड पहुंचते हैं. जिनमें से धार्मिक पर्यटन के लिहाज से उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम रहती है. वहीं, उत्तराखंड खूबसूरत वादियों का दीदार करने के साथ ही साहसिक गतिविधियों के लिए सैलानी उत्तराखंड पहुंचते रहे हैं.