देहरादून: वेतन विसंगति की संस्तुति पर धामी सरकार की कैबिनेट में वेतन डाउनग्रेड को लेकर लिए गए फैसले पर कर्मचारियों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. कर्मचारियों ने सरकार को अपना फैसला बदलने के लिए 24 घंटे के समय दिया है. यदि 24 घंटे में सरकार ने इस पर कोई बड़ा फैसला नहीं लिया तो उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी है.
सचिवालय सेवा के वेतनमानों का डाउनग्रेड किए जाने का कर्मचारियों और अधिकारियों ने विरोध किया है. इसको लेकर उन्होंने कर्मचारियों आज सचिवालय में अपना विरोध भी जाहिर किया. सचिवालय संघ की बैठक में सरकार के इस फैसले का सभी ने पुरजोर विरोध किया.
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बैठक में तय किया गया कि तत्काल आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाय और सरकार के मजबूर किया जाए कि वो कैबिनेट बैठक में अपने इस फैसले पर पुनर्विचार कर उसे स्थगित करे या फिर निरस्त करे. सचिवालय संघ ने सरकार के कल तीन बजे तक का समय दिया है. सुबह 11 बजे सचिवालय परिसर में आक्रोश रैली भी निकाली जाएगी. इसके बाद 2 घंटे सांकेतिक धरना चलेगा. यदि शाम पांच तक कोई फैसला नहीं लिया गया तो गुरुवार से हड़ताल पर जाने की तैयारी की जाएगी.
सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में धामी सरकार ने वेतन डाउनग्रेड को लेकर फैसला लिया है. इस फैसले में पहले से कार्यरत कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित या फिर यथावत रखे जाने का कोई स्पष्ट अंकन नहीं किया गया है.
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उन्होंने बताया कि पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 86 के अंतर्गत राज्य सचिवालय उत्तराखंड के कार्मिकों के वेतनमान की समकक्षता पूर्ववर्ती राज्य उत्तर प्रदेश सचिवालय से है न कि केंद्रीय सचिवालय से. कर्मचारी संगठन की माने तो समय-समय पर वेतनमानों की बढ़ोतरी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नियमानुसार गठित वेतन विसंगति समिति की संस्तुतियों पर हुई है, जिसके द्वारा पूर्व में लिये गये निर्णयों पर प्रश्न चिन्ह लगाया जाना हास्यस्पद है. सचिवालय संघ की ओर से स्पष्ट शब्दों में वेतनमान डाउनग्रेड किये जाने के निर्णय को अस्वीकार किये जाने तक आन्दोलन जारी रखने की चेतावनी दी गयी है.