देहरादून: खूबसूरत पहाड़ी वादियां और बर्फ की सफेद चादर से ढके पहाड़ लोगों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं. यही वजह है कि हर साल सर्दियों सैलानी बर्फबारी का आनंद उठाने के लिए उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों का रुख करते हैं. आज हम राज्य के कुछ ऐसे स्थानों से रूबरू कराएंगे, जहां देश-विदेश से आने वाले सैलानी कोरोना के इस दौर में भी आसानी से पहुंच सकते हैं और बर्फबारी के साथ खूबसूरत शांत वादियों का लुत्फ उठा सकते हैं.
उत्तराखंड राज्य अपनी विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते सीमित संसाधनों में सिमटा हुआ है. इन्हीं सीमित संसाधनों में मुख्य रूप से प्रदेश में संचालित हो रही पर्यटन गतिविधियां शामिल हैं, जिस पर न सिर्फ प्रदेश की आर्थिकी टिकी हुई है बल्कि लाखों परिवारों की रोजी रोटी भी जुड़ी है.
यही वजह है कि राज्य सरकार, राज्य के भीतर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए लाख कोशिशें कर रही है. सरकार वर्तमान समय में मौजूदा पर्यटक स्थलों की स्थिति को और बेहतर बनाने के साथ ही कई नए अन्य पर्यटक स्थलों को विकसित करने पर जोर दे रही है ताकि राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा करने के साथ ही स्थानीय लोगों को एक स्थायी रोजगार से जोड़ा जा सके.
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हालांकि, अभी तक राज्य में आने वाले पर्यटकों का सालाना आंकड़ा 4 करोड़ तक पहुंच गया है, जिसमें से करीब 40 से 45 फीसदी पर्यटक धार्मिक स्थलों के दर्शन करने और बाकी पर्यटक राज्य की खूबसूरत वादियों का लुत्फ उठाने आते हैं.
पहाड़ों की रानी मसूरी
पहाड़ों की रानी कहीं जाने वाली मसूरी, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से मात्र 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां हर साल लाखों की संख्या में सैलानी घूमने पहुंचते हैं. मसूरी से 15 किलोमीटर दूर मौजूद जॉर्ज एवरेस्ट भी घूमने के लिहाज से अच्छा स्थान है.
साल के 12 महीने मसूरी में सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है. प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही मसूरी में घूमने के लिए- मॉल रोड, कैम्पटी फॉल, गन हिल, मसूरी झील, जार्ज एवरेस्ट हाउस, कंपनी गार्डन, झड़ीपानी फॉल, भट्टा फॉल और धनौल्टी आदि प्रमुख स्थान हैं.
ऐसे में अगर आप मसूरी घूमने आना चाहते हैं तो यह समय आपके लिए काफी अनुकूल है क्योंकि वहां की खूबसूरत वादियां और चारों तरफ पहाड़ों से घिरीं मसूरी आपके लिए एक बेहतर पर्यटक स्थल साबित हो सकती है, जहां आपको हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी.
तीर्थनगरी ऋषिकेश
देहरादून से करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित योगस्थली ऋषिकेश. योग के लिए विश्वविख्यात ऋषिकेश को "गेटवे टू द गढ़वाल हिमालय" और "विश्व योग राजधानी" भी कहा जाता है. ऋषिकेश गंगा तट पर बसा हुआ है. यह तीनों ओर से वेदांत शिवालिक पर्वत से घिरा है और यहां कई प्रसिद्ध मंदिर स्थित है.
हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए आते हैं. इसके साथ ही ऋषिकेश में योग और ध्यान का प्रशिक्षण भी होता है. हालांकि, साल दर साल ऋषिकेश के सैलानियों में बढ़ोतरी देखी गयी है. ऐसे में अगर आप ऋषिकेश की यात्रा पर आना चाहते हैं तो आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है. इसके अलावा ऋषिकेश सहासिक गतिविधियों का केंद्र भी है. ऋषिकेश में आप ट्रेन, बस और हवाई जहाज से पहुंच सकते हैं. देहरादून के जॉलीग्राट एयरपोर्ट की दूरी ऋषिकेश से 20 किमी है.
चकराता
राजधानी देहरादून से करीब 90 किलोमीटर दूर स्थित पर्वतीय क्षेत्र चकराता बेहद खूबसूरत पर्यटक स्थल है. उत्तराखंड और हिमाचल की सीमा पर बसे होने के कारण चकराता की संस्कृति में हिमाचली संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. जौनसार-बावर क्षेत्र में बंटे चकराता के लोग बाहर से आने वाले की आवभगत में कोई कसर नहीं छोड़ते.
यही नहीं, चकराता से 17 किलोमीटर दूर टाइगर फॉल नाम का एक बेहद सुंदर जगह भी मौजूद है. यह फॉल इतना खूबसूरत है जो वहां जाता है वह बार-बार जाने की इच्छा बताता है. हालांकि, वहां पहुंचने के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर खड़ी ढलान उतरना पड़ता है. इसके साथ ही चकराता प्रकृति प्रेमियों और ट्रेकिंग में रुचि लेने वालों के लिए एकदम उपयुक्त स्थान है. यहां के सदाबहार शंकुवनों में दूर तक पैदल चलने का अपना ही मजा है.
ऐसे में अगर आप उत्तराखंड के चकराता की खूबसूरत वादियों और बर्फबारी का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो चकराता की ओर रुख कर सकते हैं, जहां आपको भारी बर्फबारी देखने को मिलेगी. लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि चकराता उच्च पर्वतीय क्षेत्र होने के चलते वहां वो सुख सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाएंगी जो अन्य क्षेत्रों में उपलब्ध हो जाती हैं.
चोपता तुंगनाथ
भारत का स्विट्जरलैंड कहलाने वाले चोपता तुंगनाथ शीतकाल यात्रा के लिए काफी बेहतर है. तुंगनाथ न सिर्फ धार्मिक स्थल के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां आप बर्फबारी का आनंद भी उठा सकते हैं. क्योंकि इस क्षेत्र में नवंबर महीने के बाद से ही बर्फबारी शुरू हो जाती है. जिसके बाद यह क्षेत्र बेहद खुबसूरत हो जाता है. हालांकि, बांज, बुरांस समेत कई अन्य प्रजाति के पेड़ों यहां होने से यह क्षेत्र खूबसूरत ढलान और हिमालय दर्शन के साथ भव्य प्राकृतिक छटा के लिए प्रसिद्व है.
बर्फबारी का मजा लेने के लिए यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. बता दें कि यह क्षेत्र चमोली जिला मुख्यालय से लगभग 38 किलामीटर की दूरी पर स्थित है. इसके अलावा दूसरा रास्ता ऋषिकेश से ऊखीमठ होकर जाना होता है.