देहरादून:उत्तराखंड परिवहन निगम में चार डिपो के एकीकरण का फैसला 24 घंटे भी कायम नहीं रह पाया. निगम के आदेश से नाराज होकर परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने इसे स्थगित कर दिया. उन्होंने मामले में मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू से रिपोर्ट तलब की है. पिछले लंबे समय से नुकसान में चल रहे उत्तराखंड परिवहन निगम को घाटे से उबारने के लिए अधिकारियों ने बड़ा प्रयोग किया था.
उत्तराखंड में चार रोडवेज डिपो के मर्जर का फैसला रद्द, परिवहन मंत्री ने जताई नाराजगी - Decision on merger of four roadways depots in Uttarakhand postponed
उत्तराखंड परिवहन निगम को घाटे से उबारने का अधिकारियों ने जो प्लान तैयार किया था, उस पर मंत्री जी नाराज हो गए हैं. दरअसल, परिवहन मंत्री चंदन रामदास को इस फैसले की जानकारी ही नहीं दी गई थी. यही कारण है कि 24 घंटे के अंदर ही अधिकारियों को उत्तराखंड रोडवेज के डिपो विलय करने का आदेश वापस लेना पड़ा है.
इस प्रयोग के तहत उत्तराखंड परिवहन निगम ने अपने चार डिपो को मर्ज कर दिया था. सोमवार को परिवहन निगम की एमडी ने रानीखेत डिपो को भवाली डिपो में, काशीपुर को रामनगर में, श्रीनगर को ऋषिकेश में और रुड़की को हरिद्वार डिपो में विलय करने का आदेश जारी किया था. इस आदेश के अंतर्गत इन सभी संबंधित डिपो की बसें और उनके संबंधित सभी कर्मचारी संबंधित डिपो के अधीन कर दिए गये थे. इस एकीकरण व्यवस्था के चलते कई तरह के खर्चों को काबू में किया जा सकता था, लेकिन इस एकीकरण व्यवस्था अस्तित्व में आने से पहले ही उत्तराखंड परिवहन के मंत्री चंदन राम दास ने इसे निरस्त कर दिया है.
दरअसल, परिवहन परिवहन निगम एमडी के चार डिपो को एकीकरण करने की आदेश पर रोडवेज कर्मचारी परिषद यूनियन ने भी अपनी आपत्ति जताई थी. कर्मचारी परिषद प्रतिनिधि मंडल द्वारा इस फैसले को लेकर परिवहन मंत्री के सामने नाराजगी जताई गई थी. जैसे ही ये मामले परिवहन मंत्री चंदन रामदास की जानकारी में आया तो उन्होंने भी नाराजगी जताई. उनका कहना था कि उनके संज्ञान में लाए बिना ही परिवहन निगम ने यह फैसला लिया है. उन्होंने तत्काल इस आदेश को स्थगित करने के आदेश जारी कर दिए. इसके साथ ही उन्होंने मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू से भी इस मामले पर बातचीत की और बिना संज्ञान में लाए निर्णय लेने पर नाराजगी जताई है.