देहरादून:भारत में जिस तरह से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है उसको देखते हुए रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट का इस्तेमाल हो रहा है. उत्तराखंड में भी 5000 रैपिड एंटीबॉडी किट आ चुकी हैं. इनको हॉटस्पॉट के लिए भेजा जा रहा है. हालांकि आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) के नए निर्देशों के चलते फिलहाल रैपिड एंटीबॉडी किट से टेस्ट नहीं किए जाएंगे.
रैपिड किट पर सवाल खड़े होने के बाद आईसीएमआर ने इसके टेस्ट करने पर दो दिन के लिए रोक लगा दी है. बता दें कि कई प्रदेशों में रैपिड टेस्ट की रिपोर्ट सही नहीं आई है. इसके बाद रैपिड टेस्ट के औचित्य पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं. इन सबके बावजूद पहले ही ऑनलाइन आवेदन कर चुके उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग को केंद्र ने 5000 किट भेजी हैं.
अब आईसीएमआर की अनुमति मिलने के बाद उत्तराखंड के तमाम हॉटस्पॉट में रैपिड टेस्ट के जरिए जांच की जाएगी. हालांकि स्वास्थ्य महानिदेशक उत्तराखंड अमिता उप्रेती भी इससे पहले रैपिड टेस्ट के साइंटिफिक रूप से सही होने पर प्रश्न खड़े कर चुकी हैं. अब उन्होंने रैपिड टेस्ट की उपलब्धता की जानकारी दी है.
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रैपिड टेस्ट से शरीर में बनने वाली एंटीबॉडीज का पता चलता है
जब भी कोई व्यक्ति किसी भी वायरस का शिकार होता है तो उसके शरीर में उस वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज बनती हैं. रैपिड टेस्ट की मदद से शरीर में बनने वाली इन एंटीबॉडीज का ही पता लगाया जाता है. इस टेस्ट के नतीजे महज 15-20 मिनट में सामने आ जाते हैं. इसलिए इसे रैपिड टेस्ट कहा जाता है. इसमें व्यक्ति का सैंपल लेकर एंटीबॉडी टेस्ट या सीरोलॉजिकल टेस्ट किए जाते हैं. इसके लिए व्यक्ति की उंगली से एक-दो बूंद खून लिया जाता है. इससे पता चल जाता है कि इम्यून सिस्टम ने वायरस को बेअसर करने के लिए एंटीबॉडीज बनाने शुरू किए हैं या नहीं. इस टेस्ट की मदद से बिना लक्षणों वाले लोगों में भी संक्रमण का पता लगाना आसान होता है.
रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट की प्रक्रिया और ऐसे देखे जाते हैं नतीजे
रैपिड टेस्ट के लिए सबसे पहले कारोना वायरस संदिग्ध का ब्लड सैंपल लिया जाता है. इसके बाद टेस्ट किट में बताई गई जगह पर ब्लड की कुछ बूंदें डाली जाती हैं. इसके बाद किट में दिए गए केमिकल की तीन बूंदें ब्लड सैंपल पर डाली जाती हैं. इसके 15 से 20 मिनट के भीतर टेस्ट किट में नतीजा आ जाता है. अगर रैपिड टेस्ट किट पर सिर्फ एक गुलाबी लाइन उभरती है तो इसका मतलब है कि व्यक्ति निगेटिव है यानी वह संक्रमित नहीं है. अगर किट पर सी और एम गुलाबी लाइंस उभरतीं हैं तो मरीज आईजीएम एंटीबॉडी के साथ पॉजिटिव है. अगर किट पर सी और जी गुलाबी लकीरें उभरती हैं तो मरीज आईजीटी एंटीबॉडी के साथ पॉजिटिव है. वहीं, अगर किट पर जी और एम दोनों गुलाबी लकीरें उभरती हैं तो व्यक्ति आईजीजी व आईजीएम एंटीबॉडी के साथ पॉजिटिव है.