देहरादून: महंगाई के मामले में देश के बड़े राज्य अक्सर छोटे राज्य उत्तराखंड से बेहतर हालातों में दिखते हैं. जून महीने में महंगाई दर के आंकड़े कुछ इसी ओर इशारा कर रहे हैं. तमिलनाडु को छोड़ दिया जाए तो दूसरे बड़े और विशालकाय क्षेत्रफल वाले राज्य उत्तराखंड से बेहतर स्थितियों में हैं.
मानसून की दस्तक के साथ ही देश भर में महंगाई एक बड़ा मुद्दा बनता गया है. एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने के अलावा सब्जियों और खाने के दूसरे सामान में तेजी आने से आम लोग परेशान हैं. देशभर मे महंगाई को लेकर राज्य और केंद्र सरकारों की घेराबंदी भी की जा रही है. इसी बीच महंगाई दर को लेकर हर महीने आने वाली रिपोर्ट सबसे ज्यादा उत्तराखंड के लिए चिंता पैदा कर रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि उत्तराखंड राज्य लगातार महंगाई दर के लिहाज से शीर्ष राज्यों में अपनी जगह बना रहा है. बड़ी बात यह है कि देश के बड़े-बड़े राज्य भी महंगाई के मामले में उत्तराखंड से पिछड़ गए हैं. महंगाई को लेकर क्या कहते हैं आंकड़े बिंदुवार समझिए.
ऐसा नहीं है कि उत्तराखंड राज्य जून महीने में ही अचानक दूसरे नंबर पर आ गया है. महंगाई दर को लेकर यह स्थिति राज्य के लिए असामान्य हो, बल्कि उत्तराखंड तो पिछले कई महीनों से लगातार शीर्ष पर बना हुआ है. वित्तीय मामलों के जानकार राजेंद्र बिष्ट बताते हैं कि उत्तराखंड में कुछ विशेष कारणों से महंगाई दर बेहद ज्यादा आंकी गई है. इसमें लोकल कारणों के अलावा मानसून के दौरान असमय बारिश का होना भी है. साथ ही बाजार पर महंगाई को नियंत्रित करने वाले कारणों पर सरकार का मिस मैनेजमेंट भी इसकी बड़ी वजह है.
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