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बीजेपी के हिमालय दिवस पर कांग्रेसी बोले- नारा लगाने और दीप जलाने से नहीं बचेगा हिमालय

हिमालय क्षेत्रों की सुरक्षा को लेकर बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन का कहना है कि ये काफी चिंता का विषय है, लेकिन इसे देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार दोनों सतर्क हैं. वहीं, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हिमालय नारों, भाषणों और वादों से नहीं बचेगी. बल्कि, हिमालय संकल्प से बचेगी.

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Published : Sep 9, 2019, 9:19 PM IST

देहरादूनःउत्तराखंड में आज हिमालय दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर एक ओर राज्य सरकार हिमालय को बचाने को लेकर चलाई जा रही योजनाओं को गिना रही है. वहीं, दूसरी ओर विपक्ष राज्य सरकार के इन योजनाओं को मात्र नारा करार दे रही है. कांग्रेस का कहना है कि हिमालय को बचाने के लिए सबसे पहले पलायन को रोकने की जरुरत है. साथ ही पॉलीथिन और प्लास्टिक पूरी तरह बंद करने के लिए उत्पादन करने वाली कंपनियों को बंद करना होगा.

हिमालय दिवस को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने.

बता दें कि, 9 सितंबर को उत्तराखंड और हिमाचल में हिमालय दिवस मनाया जाता है. पर्यावरण को संरक्षित करने में हिमालय की अहम भूमिका है. हिमालय पर्यावरण को संरक्षित करने के साथ जैव विविधता को बरकरार रखने में भी अहम भूमिका निभाता है. बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन का कहना है कि बीते दिनों सभी हिमालय राज्य का सम्मेलन हुआ था. अब इसके बाद दूसरे स्तर का सम्मेलन जल्द ही होने जा रहा है. जिसमें पर्यावरण के विषयों को लेकर चर्चा किया जाएगा.

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हिमालय क्षेत्रों की सुरक्षा को लेकर भसीन ने बताया कि ये काफी चिंता का विषय है, लेकिन इसे देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार दोनों सतर्क हैं. उच्च हिमालयी क्षेत्रों पर पॉलिथीन का इस्तेमाल ना के बराबर हो और कम प्रदूषण हो, इस पर प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए जनता को जागरुक और सहयोग करने करने के लिए भी आह्वान किया जा रहा है.

भसीन ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों में काफी वनों का कटान हुआ है. उसकी क्षतिपूर्ति के लिए बड़े स्तर पर वन लगाने की योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जल संरक्षण के लिए तमाम तरह के पौधे लगाए जाने की व्यवस्थाएं की हैं. जिससे जल को संरक्षित किया जा सके और भू-जल को भी रिचार्ज किया जा सके. साथ ही खनन से प्रभावित क्षेत्रों का पुनर्जीवन ठीक कर दिया गया है. इस पर प्रदेश में इको टास्क फोर्स काम कर रही है.

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वहीं, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हिमालय नारों, भाषणों और वादों से नहीं बचेगा. बल्कि, हिमालय संकल्प से बचेगा. इसके लिए एक्शन प्लान ड्रॉ करने की जरुरत है और इस पर एक्शन लेते हुए काम करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हिमालय को लेकर कई दिक्कतें हैं, उन्हें सरकार नजरअंदाज कर रही है. सभी हिमालय में पले और बढ़े हैं. फिर भी लगातार पहाड़ों से पलायन हो रहा है. ऐसे में कैसे सरकार हिमालय को बचा पाएगी.

उन्होंने कहा कि हिमालय को बचाने के लिए सबसे पहले पलायन को रोकना होगा. साथ ही प्लास्टिक को पूरी तरह बंद करने की जरुरत है. प्लास्टिक को पूरी तरह बंद करने के लिए प्लास्टिक बनाने वाली कंपनियों को बंद करना होगा. पहाड़ों में नदियां दूषित हो रही हैं. साथ ही कहा कि बिना वैज्ञानिक तरीके के ही खनन किया जा रहा है, जिसका प्रभाव हिमालय पर पड़ रहा है. लिहाजा, हिमालय को बचाने के लिए योजनाएं बनानी पड़ेगीं. मात्र नारा लगाने और एक जगह दीप जलाकर हिमालय को नहीं बचाया जा सकता है.

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