लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे दल देहरादून: 2024 लोकसभा चुनाव होने में भले ही एक साल का वक्त बचा हो, लेकिन राजनीतिक पार्टियां संगठन स्तर पर खुद को मजबूत करने की कवायद में जुट गई हैं. आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा भी कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इसलिए अभी से ही बीजेपी बूथ स्तर से लेकर शक्ति केंद्रों तक कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में जुट गई है.
लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी पार्टियां: वर्तमान में आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा संगठन की तैयारियों का तोड़ किसी अन्य पार्टी के पास नहीं दिख रहा है. उत्तराखंड में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस जहां एक ओर महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर ही अटकी हुई है तो, अन्य पार्टियां अभी दूर-दूर तक कहीं दिखाई नहीं दे रही हैं. दरअसल, भाजपा संगठन हमेशा ही अपनी बेहतर चुनावी रणनीति के लिए ही जाना जाता है. यही वजह है कि आगामी लोकसभा चुनाव में प्रदेश की पांचों सीटों को जीतने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंकनी शुरू कर दी है. जिसके तहत भाजपा बूथों और शक्ति केंद्रों पर पन्ना प्रमुख और बूथ टोलियों का भी गठन कर चुकी है. जिनकी संख्या 4 लाख से अधिक है.
चुनाव से पहले भाजपा की रणनीति: अपनी पार्टी के लिए समर्पित यह कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में पांच-पांच लोगों को जोड़ने का काम करेंगे. जिससे आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा की 20 लाख से अधिक कार्यकर्ताओं की फौज तैयार हो जाएगी. उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के लिए अभी से ही सियासी दलों ने अपनी चुनावी बिसात बिछानी शुरू कर दी है. जिसमें सबसे आगे बीजेपी नजर आ रही है. वहीं, बीजेपी के मुकाबले अन्य दल बीजेपी से दो कदम पीछे दिख रहे हैं. बीजेपी की तैयारियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोकसभा चुनाव की इस जंग को जीतने के लिए करीब 2 लाख 90 हजार पन्ना प्रमुख पार्टी की तरफ से बना लिए गए हैं. जिसमें पार्टी ने बूथ पर भी अपने टोलियों का गठन कर लिया है. यही नहीं, इन बूथों पर पार्टी के करीब 1 लाख 29 लाख कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव का प्रबंधन संभालते नजर आएंगे.
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BJP बनाएगी 20 लाख कार्यकर्ताओं की फौज: भाजपा में बूथ टोलियों का हर सदस्य पांच-पांच लोगों को भी अपने साथ जोड़ने का काम करेगा. जिससे कार्यकर्ताओं की एक बड़ी फौज तैयार हो जाएगी. अनुमान के अनुसार चुनाव से पहले भाजपा के पास 20 लाख से ज्यादा ऐसे समर्पित कार्यकर्ताओं की फौज तैयार होने की संभावना है, जो चुनाव में पार्टी संगठन को मजबूती प्रदान करने के साथ ही जनता को पार्टी के प्रति लामबंद करने का काम करेंगी. इसके अलावा भी ये फौज कहीं न कही विपक्षी दलों के लिए एक बड़ी समस्या भी खड़ी कर सकती है.
भाजपा ने कार्यकर्ताओं को घरातल पर उतारा: बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट की मानें तो भाजपा संगठन हमेशा अपने कार्यकर्ताओं को धरातल पर कार्य करने के लिए उत्साहित करता रहता है. बीजेपी ने चुनाव से पहले संगठन को मजबूत करने के लिए अपनी हर इकाई को मजबूत करने का काम शुरू किया है और इसके लिए पार्टी के हर सांसद को बूथों की जिम्मेदारियां देने का काम भी दिया गया है. ताकि बूथ जीतने के साथ-साथ चुनाव को भी बड़े अंतर से जीता जा सके.
विपक्षी दलों की तैयारियां: वहीं, दूसरी ओर विपक्षी पार्टी अभी भी इस उम्मीद में हैं कि प्रदेश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से जनता परेशान है और चुनाव में विपक्ष के साथ खड़े होकर सत्ताधारी दल को मात देने का काम करेगी. कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी ने कहा भाजपा के असली चेहरे से देश और प्रदेश की जनता वाकिफ है. पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भी कई बड़ी घोषणाए की गई थी. ऐसे में भाजपा कितनी भी बड़ी फौज क्यों न तैयार कर ले, उससे कुछ होने वाला नहीं है.
बीजेपी के मुकाबले विपक्ष की रणनीति: लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तराखंड भाजपा ने अभी से ही रणनीति बनानी शुरू कर दी है. जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं की मजबूत फौज तैयार करने के साथ-साथ बूथों की जिम्मेदारी भी पार्टी विधायकों और सांसदों को सौंप दी गई है. ताकि पार्टी चुनाव में जीत हासिल कर सके और केंद्र में संगठन को मजबूती दे सके. जबकि दूसरी तरफ विपक्षी दल अपनी गुटबाजी में उलझा हुआ नजर आ रहा है. ऐसे में उसकी चुनावी तैयारी बीजेपी के मुकाबले बहुत कम नजर आ रही है, जो बीजेपी के लिए फायदेमंद और विपक्षी दलों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है.