देहरादून: साल 2019 राजनीतिक नजरिए से ऐतिहासिक रहा. केंद्र से लेकर प्रदेश की राजनीति ने इस साल कई उतार-चढ़ाव देखे. उत्तराखंड की बात करें तो कुछ नेताओं के लिए 2019 बेहद खास रहा तो कुछ नेताओं के लिए ये साल निराशाजनक रहा. 2019 में भी जहां बीजेपी का चुनाव रथ आगे बढ़ता रहा तो वहीं कांग्रेस हाशिये पर सिमटती चल गई है. आखिर साल 2019 किन-किन नेताओं के लिए सौगात ले कर आयी और किन-किन नेताओ के लिए निराशाजनक रहा है? इस पर ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.
यू तो राजनीती में उतार चढ़ाव के दौर जारी रहता है. कभी किसी पार्टी का वर्चस्व अधिक होता है तो कभी किसी पार्टी पर जनता अपना भरोसा जताती है. इसके कई उदाहरण उत्तराखंड की राजनीति में समय-समय पर देखने के मिलते रहते है. इस साल प्रदेश में हुए सभी छोटे-बड़े चुनाव में मोदी लहर का अच्छा खासा असर देखने को मिला. यहीं कारण है कि 2019 कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी नेताओं के लिए काफी अच्छा रहा.
निशंक के लिए लकी साल 2019
2019 में बीजेपी के किसी नेता को केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिली तो कोई पहली बार संसद में पहुंचा. हरिद्वार से बीजेपी सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के लिए साल 2019 काफी अच्छा रहा है. क्योंकि जहां वे एक तरफ दूसरी बार चुनाव जीतकर हरिद्वार से लोकसभा में गए, वहीं, उन्हें मोदी कैबिनेट में भी बड़ी जिम्मेदारी मिली.
माला राज्यलक्ष्मी शाह
2019 टिहरी से बीजेपी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह के लिए भी कम अच्छा नहीं रहा है. क्योंकि 2019 के आम चुनाव में टिहरी की जनता ने तीसरी बार उन पर विश्वास जताया और 2019 में वे एक बार फिर टिहरी से चुनाव जीतकर लोकसभा में गई.
तीरथ सिंह रावत पहली बार पहुंचे संसद
बीजेपी के वरिष्ठ नेता तीरथ सिंह रावत के लिए भी साल 2019 बेहद खास रहा है. क्योंकि इस साल हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के दिग्गज नेता भुवन चंद खंडूड़ी के बेटे मनीष खंडूड़ी को भारी मतों से हराकर पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से संसद पहुंचे.
अजय भट्ट ने बीजेपी को दिलाई बड़ी जीत
राजनीतिक रूप से साल 2019 किसी के लिए सबसे अच्छा रहा तो वे बीजेपी नेता अजय भट्ट. क्योंकि साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद अजय भट्ट रानीखेत विधानसभा सीट से हार गए थे. लेकिन इसके बाद भी पार्टी हाईकमान ने अजय भट्ट पर भरोसा जताया और उन्हें नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा सीट से लड़ाया. अजय भट्ट के नेतृत्व में जहां प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने जीती तो वहीं उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत को हरा मुंह दिखाया. बता दें कि अजय भट्ट का मुकाबला नैनीताल सीट पर कांग्रेस के हरीश रावत से था.
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महाराष्ट के राज्यपाल बने भगन सिंह कोश्यारी
साल 2019 उत्तराखंड के कई दिग्गज नेताओं के लिए सौगात लेकर आयी है. इसी कड़ी में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी का भी नाम शामिल है. जिन पर बीजेपी आलाकमान ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया है.
नहीं बचा पाए जमीन
कांग्रेस के दिग्गज नेता और सूब के पूर्व सीएम हरीश रावत साल 2019 में भी कोई करिश्मा नहीं कर पाए. ये साल उनका उन्हें लिए बेहद निराशाजनक रहा. क्योंकि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जहां उनके नेतृत्व में हार गई तो वहीं 2019 के लोकसभा में भी उनको एक फिर हार फिर हार का सामना करा पड़ा था. बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव हरीश रावत दो सीटों से मैदार में उतरे थे, लेकिन वे दोनों सीटे हार गए थे.