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2019: उत्तराखंड का राजनीतिक सफर, कोई अर्श पर तो कोई फर्श पर

उत्तराखंड की राजनीति में अक्सर बड़े उतार-चढ़ाव देखने को मिलते रहते हैं. साल 2019 कुछ नेताओं के लिए लकी रहा तो कुछ नेता ऐसे रहे जो सालभर संघर्ष करते नजर आए.

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Published : Dec 13, 2019, 7:17 PM IST

Updated : Dec 14, 2019, 4:45 PM IST

देहरादून: साल 2019 राजनीतिक नजरिए से ऐतिहासिक रहा. केंद्र से लेकर प्रदेश की राजनीति ने इस साल कई उतार-चढ़ाव देखे. उत्तराखंड की बात करें तो कुछ नेताओं के लिए 2019 बेहद खास रहा तो कुछ नेताओं के लिए ये साल निराशाजनक रहा. 2019 में भी जहां बीजेपी का चुनाव रथ आगे बढ़ता रहा तो वहीं कांग्रेस हाशिये पर सिमटती चल गई है. आखिर साल 2019 किन-किन नेताओं के लिए सौगात ले कर आयी और किन-किन नेताओ के लिए निराशाजनक रहा है? इस पर ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

उत्तराखंड का राजनीतिक सफर

यू तो राजनीती में उतार चढ़ाव के दौर जारी रहता है. कभी किसी पार्टी का वर्चस्व अधिक होता है तो कभी किसी पार्टी पर जनता अपना भरोसा जताती है. इसके कई उदाहरण उत्तराखंड की राजनीति में समय-समय पर देखने के मिलते रहते है. इस साल प्रदेश में हुए सभी छोटे-बड़े चुनाव में मोदी लहर का अच्छा खासा असर देखने को मिला. यहीं कारण है कि 2019 कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी नेताओं के लिए काफी अच्छा रहा.

निशंक के लिए लकी साल 2019
2019 में बीजेपी के किसी नेता को केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिली तो कोई पहली बार संसद में पहुंचा. हरिद्वार से बीजेपी सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के लिए साल 2019 काफी अच्छा रहा है. क्योंकि जहां वे एक तरफ दूसरी बार चुनाव जीतकर हरिद्वार से लोकसभा में गए, वहीं, उन्हें मोदी कैबिनेट में भी बड़ी जिम्मेदारी मिली.

माला राज्यलक्ष्मी शाह
2019 टिहरी से बीजेपी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह के लिए भी कम अच्छा नहीं रहा है. क्योंकि 2019 के आम चुनाव में टिहरी की जनता ने तीसरी बार उन पर विश्वास जताया और 2019 में वे एक बार फिर टिहरी से चुनाव जीतकर लोकसभा में गई.

तीरथ सिंह रावत पहली बार पहुंचे संसद
बीजेपी के वरिष्ठ नेता तीरथ सिंह रावत के लिए भी साल 2019 बेहद खास रहा है. क्योंकि इस साल हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के दिग्गज नेता भुवन चंद खंडूड़ी के बेटे मनीष खंडूड़ी को भारी मतों से हराकर पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से संसद पहुंचे.

अजय भट्ट ने बीजेपी को दिलाई बड़ी जीत
राजनीतिक रूप से साल 2019 किसी के लिए सबसे अच्छा रहा तो वे बीजेपी नेता अजय भट्ट. क्योंकि साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद अजय भट्ट रानीखेत विधानसभा सीट से हार गए थे. लेकिन इसके बाद भी पार्टी हाईकमान ने अजय भट्ट पर भरोसा जताया और उन्हें नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा सीट से लड़ाया. अजय भट्ट के नेतृत्व में जहां प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने जीती तो वहीं उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत को हरा मुंह दिखाया. बता दें कि अजय भट्ट का मुकाबला नैनीताल सीट पर कांग्रेस के हरीश रावत से था.

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महाराष्ट के राज्यपाल बने भगन सिंह कोश्यारी
साल 2019 उत्तराखंड के कई दिग्गज नेताओं के लिए सौगात लेकर आयी है. इसी कड़ी में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी का भी नाम शामिल है. जिन पर बीजेपी आलाकमान ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया है.

नहीं बचा पाए जमीन
कांग्रेस के दिग्गज नेता और सूब के पूर्व सीएम हरीश रावत साल 2019 में भी कोई करिश्मा नहीं कर पाए. ये साल उनका उन्हें लिए बेहद निराशाजनक रहा. क्योंकि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जहां उनके नेतृत्व में हार गई तो वहीं 2019 के लोकसभा में भी उनको एक फिर हार फिर हार का सामना करा पड़ा था. बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव हरीश रावत दो सीटों से मैदार में उतरे थे, लेकिन वे दोनों सीटे हार गए थे.

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नहीं उतरे उम्मीदों पर खैरे

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के लिए साल 2019 बेहद ही निराशा भरा रहा है. क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में उत्तराखंड कांग्रेस लोकसभा की एक भी सीट नहीं जीत सकी और न ही प्रीतम सिंह खुद टिहरी लोकसभा सीट पर चुनाव जीत सके.

विवादों से रहा नाता
साल 2019 बीजेपी के पूर्व नेता और खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के लिए विवादों भर रहा है. उनके विवादियों बयानों और अनुशासनहीनता के कारण इसी साल बीजेपी ने चैंपियन को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था.

उत्तराखंड की राजनीति में बड़ी क्षति

2019 में उत्तराखंड की राजनीति ने बडे़ उतार-चढ़ाव देखे है. उत्तराखंड ने इस साल प्रदेश का बड़ा नेता भी खोया है. त्रिवेंद्र सरकार में वित्त मंत्री प्रकाश पंत का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. जो बीजेपी और प्रदेश के लिए बड़ी क्षति थी. प

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भारतीय जनता पार्टी
साल 2019 उत्तराखंड बीजेपी के लिए बेहद खास रहा है. क्योंकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश की सभी पांच लोकसभा सीटों पर भारी बहुमत से जीत दर्ज की. इसके बाद प्रदेश में पंचायत चुनाव में भी बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा रहा. इसके अलावा पिथौरागढ़ उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी जीती.

कांग्रेस पार्टी
कांग्रेस साल 2019 में कोई खास करिश्मा नहीं कर पाई. क्योंकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी एक भी लोकसभा सीट को नहीं जीत सकी. इसके अलावा हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में भी कांग्रेस कोई बड़ा कमाल नहीं कर पाई.

Last Updated : Dec 14, 2019, 4:45 PM IST

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