देहरादून: मौजूदा वक्त में अन्य राज्यों की पुलिस बदमाशों से निपटने के लिए हाईटेक तरीके अपना रही है, वहीं उत्तराखंड पुलिस इन दिनों पुरान जमाने का तरीका अपनाने जा रही है. उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से जवानों को साइकिल पर गश्त करने का फरमान जारी किया गया है. ये प्रयोग चंपावत जिले में पहले ही हो चुका है.
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पुलिस जवानों को गश्त के लिए सभी थानों और चौकियों में दो-दो साइकिल उपलब्ध कराई जाएगी. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि साइकिल से गश्त करने वाले जवान आसानी से तंग गलियों में जा सकते और आम लोगों से जुड़ सकते है.
बता दें कि साइकिल पर गश्त करने का उत्तराखंड पुलिस का यह निर्णय ट्रायल के तौर पर चंपावत जिले में शुरु किया गया था. जिसका रिस्पांस पुलिस को बेहतर मिला. यहीं कारण है कि पुलिस अधिकारी अब इस नियम को दूसरे जिलों में लागू करना चाहते है.
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जब इस बारे में पुलिस महानिदेशक लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि साइकिल गश्त पूरी तरह से व्यवहारिक है. पुराने समय में पैदल भी गश्त लगायी जाती थी. चंपावत जिले में साइकिल से गश्त काफी हद तक सफल रही है. जिसके चलते अन्य जिलों में भी इसको प्रभावी बनाने का प्रयास किया जा रहा है.
महानिदेशक लॉ एंड आर्डर की मानें तो साइकिल से गश्त में कई तरह के फायदे हैं. इससे एक तो पुलिस जमीनी हकीकत से रूबरू होगी. साथ ही ये पर्यावरण के लिए भी बेहतर होगा और इससे पुलिस जवानों का स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा. महानिदेशक लॉ एंड आर्डर के मुताबिक बाइक और कार भी पेट्रोलिंग की भी विभाग को काफी दरकार है. लेकिन साइकिल गश्त को एक नए उपयोग के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि पुलिस की ये योजना धरातल पर कितनी असरदार होगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.