देहरादून:भारत में लगातार कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं उत्तराखंड की बात करें तो यहां भी कोरोना के 35 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. बावजूद इसके कुछ लोग लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. लेकिन अब पुलिस ऐसे लोगों पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) लगाने जा रही है.
पुलिस और प्रशासन के लाख समझाने के बावजूद कुछ लोग लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. हालांकि पुलिस ने लॉकडाउन उल्लंघन मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है, लेकिन फिर से कुछ लोग सुधरने को तैयार नहीं हैं. ऐसे लोगों पर पुलिस अब रासूक लगाने की तैयारी कर रही है.
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पुलिस महानिदेशक ने देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी को इस बारे में आदेश भी दिए है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि कुछ लोग लॉकडाउन का उल्लंघन करके कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में बांधा डालने का काम कर रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ अब रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी.
क्या है रासुका (NSA)
यह कानून राज्य और केंद्र सरकार को एक ऐसे व्यक्ति को हिरासत में लेने का अधिकार देता है जो राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुका हो. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून NSA में यह प्रावधान है कि सरकार, किसी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रख सकती है.
बता दें कि NSA के तहत, सम्बंधित अधिकारी को यह पावर है कि वह संदिग्ध व्यक्ति को बिना कारण बताये पांच दिनों तक कैद में रख रख सकता है जबकि विशेष परिस्थितियों में यह अवधि 10 दिन तक हो सकती है. इसके बाद उसे राज्य सरकार की अनुमति जरूरी है.