देहरादून:उत्तराखंड पुलिस ने जागरूकता बढ़ाने के लिए 'उत्तराखंड साइबर कॉमिक्स' शुरू कर रही है. पुलिस की इस नई पहल के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है. कॉमिक्स काल्पनिक चरित्र सुपरकॉप चक्रेशके काम पर आधारित होगी. 'चक्रेश की कहानियां' हर सोमवार को प्रकाशित की जाएंगी, जिससे लोगों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक किया जा सके.
उत्तराखंड पुलिस ने शुरू किया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल द्वारा स्वयं साइबर अपराध के अतिरिक्त सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर रखी जा रही है. वहीं साइबर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है. इस दिशा में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को निर्देश दिए गए. उत्तराखंड पुलिस अब 'उत्तराखंड साइबर कॉमिक्स' के माध्यम से राज्य और देश के कोने-कोने तक पहुंचने के लिए एक नए सोच विचार के साथ प्रस्तुत है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित पहली ऐसी पहल है. डिप्टी एसपी साइबर अंकुश मिश्रा एआई (Artificial Intelligence) आधारित कार्टून तैयार कर रहे हैं और अपनी टीम के साथ इन कॉमिक्स को विकसित करने में मदद कर रहे हैं.
बता दें कि, प्रदेश में साइबर अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. उत्तराखंड के साइबर क्राइम थाना पुलिस अलर्ट बढ़ाने के लिए नियमित आधार पर राष्ट्रीय साइबर एडवाइजरी जारी कर रहे हैं. यूट्यूब से जुड़ी एडवाइजरी जैसे सब्सक्राइब घोटाला, नाइजीरियन फ्रॉड, एआई बेस्ड वॉयस क्लोनिंग फ्रॉड आदि कई एडवाइजरी अतीत में जारी की गई हैं.
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क्या है उत्तराखंड साइबर कॉमिक्स? एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया है कि कॉमिक्स काल्पनिक कहानियों के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगी. काल्पनिक चरित्र सुपरकॉप चक्रेश के आसपास घूमेगी, जो अपनी टीम के साथ साइबर अपराध से लड़ने जा रहा है. यह अपराधियों के तरीकों को उजागर करेगा और जागरूकता बढ़ाएगा. वहीं लोगों को इस कॉमिक्स से जुड़ने के लिए भी रोमांचक तरीके से प्रेरित करेगा. 'उत्तराखंड साइबर कॉमिक्स' को अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा और साइबर क्राइम थाने के सोशल मीडिया पेजों के माध्यम से भी प्रदर्शित किया जाएगा.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक कंप्यूटर, कंप्यूटर नियंत्रित रोबोट या एक सॉफ्टवेयर को मानव मस्तिष्क की तरह बुद्धिमानी से सोचने वाला बनाने की एक विधि है. एआई को मानव मस्तिष्क के पैटर्न का अध्ययन करके और संज्ञानात्मक प्रक्रिया का विश्लेषण करके पूरा किया जाता है. इन अध्ययनों के परिणाम से बुद्धिमान सॉफ्टवेयर और सिस्टम विकसित होते हैं. इसे ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहा जा रहा है.