देहरादून: उत्तराखंड में पुलिस विभाग के इंस्पेक्टर्स की वरिष्ठता सूची को लेकर बड़ा विवाद रहा है, शायद यही कारण है कि वरिष्ठता सूची में बदलाव करते हुए दूसरी बार इस पर होमवर्क करते हुए सूची जारी की गई है. इसकी शुरुआत दरोगा से निरीक्षक पद पर प्रमोशन के लिए हुई डीपीसी से हुई. तत्कालीन पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू के समय साल 2014 में अभिसूचना के पुलिस अधिकारियों को डीसी का मौका मिला. इसके बाद साल 2015 में PAC की डीपीसी की गई, जबकि साल 2016 में सिविल पुलिस के पुलिसकर्मियों को डीपीसी का मौका मिल पाया. अलग-अलग साल हुई डीपीसी के कारण सीनियरिटी में सिविल पुलिस के निरीक्षक पिछड़ गए.
हालांकि इसके बावजूद करीब पांच 5 महीने पहले सूची जारी करते हुए PTC की मेरिट को तवज्जो दी गयी. इसके बाद खबर है कि इंस्पेक्टर पद की सीनियरिटी के आधार पर LIU और PAC के निरीक्षकों द्वारा आपत्ति दर्ज करने के बाद यह सूची खटाई में पड़ गई.
पढे़ं-उत्तराखंड बीजेपी में बवाल! विधायक ने पहले मांगा मंत्री का इस्तीफा, आज बदले सुर, संगठन ने दी हिदायत