देहरादून: गृह मंत्रालय ने कांवड़ यात्रा के दौरान कट्टरपंथियों के हमले की आशंका जताई है. ऐसे में मंत्रालय से एडवाइजरी जारी होने के बाद उत्तराखंड पुलिस हाई अलर्ट पर है और कांवड़ यात्रा के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ाई गई है. इस एडवाइजरी के तहत किसी भी तरह के खतरे की आशंका को देखते हुए राज्य पुलिस द्वारा ATS कमांडो, बम स्क्वॉयड, पैरा मिलिट्री सहित पूरे पुलिस तंत्र को सतर्क किया गया है और एहतियातन कांवड़ यात्रा में सुरक्षा घेरा सख्त करने के निर्देश दिए गए हैं.
वहीं, कांवड़ यात्रा की सुरक्षा के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सुरक्षा एजेंसी को जमीन से लेकर आसमान ने पैनी नजर बनाते हुए हर मुमकिन प्रयास के तहत सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त करने के आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान अराजक तत्वों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए.
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डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि कांवड़ यात्रा हमेशा से ही सुरक्षा की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण रहा है. साल 2007 में भी यूपी एटीएस ने एक आतंकी पकड़ा था, जिससे यह स्पष्ट हुआ था कि कांवड़ यात्रा को राष्ट्र विरोधी ताकतें अपने निशाने पर रखी हुई हैं.
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि इसके बाद से ही हर वर्ष कांवड़ यात्रा की सुरक्षा पुलिस सतर्क रहती है. इस बार भी कांवड़ यात्रा में स्पेशल रूप से रजिस्ट्रेशन और सत्यापन का ड्राइव जारी हैं. वहीं, हरिद्वार ऋषिकेश 10,000 से अधिक पुलिस फोर्स के अलावा हरिद्वार और ऋषिकेश में 400 से सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से सभी इलाकों में 24 घंटे पैनी नजर बनाए जा रही है.
इतना ही नहीं इस बार एटीएस कमांडो, बम स्क्वायड, पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई है. वहीं, पूरे प्रदेश में 840 कांवड़ मार्ग को चिन्हित किया गया है. जहां विशेष सुरक्षा के अतिरिक्त बंदोबस्त हैं. इसके अलावा 4556 शिवालय हैं, जहां श्रद्धालु जलाभिषेक करेंगे. वहां भी कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की गई है.
ग्राउंड जीरो पर उतरे एडीजी एलओ: एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरूगेशन यात्रा क्षेत्र में सुरक्षा इंतजामों को परखने के लिए ऋषिकेश में दो दिन कैंप पर हैं. शनिवार को कोतवाली में पुलिस कंट्रोल रूम के निरीक्षण के दौरान एडीजी निगरानी के इंतजामों से नाखुश दिखे. पहले उन्होंने कंट्रोल के सीसीटीवी कैमरों की लाइव फुटेज को चेक किया.
लाइव फुटेज को देखते हुए चौक-चौराहों पर तैनात एक पुलिसकर्मी से वायरलेस से संपर्क करने के लिए कहा, तो उससे संवाद में ही दिक्कत सामने आई. परशुराम चौक पर उन्हें पुलिसकर्मी तैनात नहीं दिखा, जिसपर उन्होंने नाराजगी जताई.
इसके साथ ही कंट्रोल रूम में कैमरों की रिकॉर्डिंग के बाद रिकॉर्ड वीडियो के जूम न होने और कैमरों की लाइव वीडियो की निगरानी के लिए 24 घंटे एक पुलिसकर्मी की तैनाती पर भी वह न सिर्फ खफा हुए, बल्कि गुस्से में कंट्रोल रूम से बाहर निकल गए.