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पुलिसकर्मियों ने वर्दी में रील्स बनाई तो होगी कार्रवाई, इन बातों का भी रखना होगा ध्यान

Social Media Guidelines for Police Personal in Uttarakhand अक्सर पुलिसकर्मियों के वर्दी में हीरो गिरी या फिर ठुमकते रील्स या वीडियो वायरल हो जाते हैं. जिसमें कुछ फेम पाने के लिए करते हैं तो कुछ अपना रूतबा कायम करने या फिर सोशल मीडिया पर अपनी पहचान बनाने के लिए ऐसा करते हैं, लेकिन अब ऐसी हरकत की तो कार्रवाई की जाएगी. दरअसल, उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने सोशल मीडिया गाइडलाइन जारी की है. जिसमें कई तरह की बंदिशें लगाई गई है. जानिए पुलिसकर्मियों को किन नियमों का करना होगा पालन...

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 11, 2024, 6:35 PM IST

Uttarakhand Police
उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय

पुलिसकर्मियों ने वर्दी में रील्स बनाई तो होगी कार्रवाई

देहरादूनःउत्तराखंड पुलिस ने सभी कर्मियों के लिए सोशल मीडिया गाइडलाइन जारी की है. लगातार सोशल मीडिया पर रील्स और वर्दी में हीरो बने पुलिसकर्मियों की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती थी, जो कई बार अधिकारियों के लिए भी मुसीबत बन जाती थी. इतना ही नहीं कई बार पुलिस अधिकारियों के प्रोफाइल हो या सरकारी अकाउंट भी हैक हो रहे थे. लिहाजा, इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए अब पुलिस मुख्यालय ने एक गाइडलाइन जारी की है. जिसमें साफ हिदायत भी दी गई है कि अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

उत्तराखंड पुलिस मुख्यालयके प्रवक्ता और पुलिस महानिरीक्षक पी/एम नीलेश आनंद भरणे ने एक एडवाइजरी जारी की है. जिसमें कहा गया है कि इससे पहले विभागीय गरिमा के मद्देनजर पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से व्यक्तिगत रूप से सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर एडवाइजरी जारी की गई थी. जिसे अब विस्तार किया जा रहा है. इसके साथ ही कहा गया है कि कुछ समय से ऐसे तस्वीर और वीडियो सामने आ रहे हैं. जिसमें पुलिस कार्मिकों के लिए जारी सोशल मीडिया पॉलिसी एवं उत्तराखंड सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन किया जा रहा था.

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एडवाइजरी के मुताबिक, कई पुलिसकर्मी ड्यूटी या सरकारी कार्य के दौरान सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे थे. इसके अलावा वर्दी में अशोभनीय रूप से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अपलोड किया जा रहा था. ऐसे में भविष्य में इस प्रकार के कार्यों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए गृह मंत्रालय, भारत सरकार, बीपीआर एंड डी, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की गाइडलाइन जारी की गई है. ऐसे में इस तरह की कोई वीडियो सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी.

उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से जारी इन गाइडलाइन का करना होगा पालन

  1. ड्यूटी के दौरान कार्यालय या कार्यस्थल पर वर्दी में वीडियो/रील्स आदि बनाने पर रोक लगाई गई है. किसी भी कार्मिक अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट नहीं करेगा.
  2. ड्यूटी के बाद भी वर्दी में किसी भी प्रकार की ऐसी वीडियो या रील्स आदि नहीं बनाई जाएगी. जिससे पुलिस की छवि धूमिल हो. साथ ही ऐसे वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं किया जाएगा.
  3. थाना/पुलिस लाइन/कार्यालय आदि के निरीक्षण एवं पुलिस ड्रिल या फायरिंग में भाग लेने का लाइव टेलीकास्ट और कार्रवाई से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं किया जाएगा. जो गोपनीयता का उल्लंघन होगा.
  4. अपने कार्यस्थल से संबंधित किसी वीडियो या रील्स आदि के जरिए शिकायतकर्ता के साथ संवाद का लाइव टेलीकास्ट या वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. यह पीड़िता की निजता का उल्लंघन हो सकता है.
  5. सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से पुलिस कार्मिक किसी भी प्रकार का धनार्जन या आय हासिल नहीं कर सकेंगे. जब तक इस संबंध में उनकी ओर से सरकार की पूर्व स्वीकृति हासिल न कर ली जाए.
  6. पुलिस कार्मिक सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी प्रकार की कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, चैट, वेबिनार आदि में आमंत्रित किए जाने पर उसमें भाग लेने से पहले अपने वरिष्ठ अधिकारी से अनुमति लेगा.
  7. सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कार्मिकों की ओर से ऐसी कोई जानकारी साझा नहीं की जाएगी, जो उन्हें अपनी विभागीय नियुक्ति के कारण मिली हो. ऐसी कोई जानकारी तभी साझा की जा सकेगी, जब वो कार्मिक इस कार्य के लिए अधिकृत हों.
  8. सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से किसी भी व्यक्तिगत, व्यावसायिक कंपनी या उत्पाद/सेवा का प्रचार प्रसार करने पर प्रतिबंध लगाया गया है.
  9. निजता एवं सुरक्षा के कारणों से सरकारी और व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कार्मिक अपनी या किसी अन्य पुलिस कर्मियों की विशेष नियुक्ति या व्यक्तिगत विवरण का उल्लेख नहीं करेगा. अभिसूचना संकलन या किसी गुप्त ऑपरेशन (Under Cover Operation) के प्रावधानों को सख्ती से पालन करने को कहा गया है.
  10. अपराध की जांच, विवेचनाधीन या न्यायालय में लंबित प्रकरणों से संबंधित कोई गोपनीय जानकारी सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया पर साझा नहीं की जाएगी. साथ ही इस पर कोई टिप्पणी भी नहीं की जाएगी. इन मामलों में सक्षम अधिकारी या अधिकृत अधिकारी ही सार्वजनिक प्रेस नोट साझा करेगा.
  11. किसी भी गोपनीय सरकारी दस्तावेज, हस्ताक्षरित रिपोर्ट या पीड़ित के प्रार्थना पत्र को सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाला जाएगा.
  12. किसी भी यौन शोषित पीड़िता या किशोर/किशोरी या फिर किशोर आरोपित दोषी (जुवेनाइल ऑफेन्डर्स) की पहचान, नाम या अन्य संबंधित विवरण सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया पर उजागर नहीं किया जाएगा.
  13. जिन आरोपियों की शिनाख्त परेड बाकी हो, उनका चेहरा सरकारी और व्यक्तिगत सोशल मीडिया पर सार्वजनिक नहीं किया जाएगा.
  14. सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर महिलाओं एवं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की गरिमा को प्रभावित करने वाले या उनकी गरिमा के विपरीत कोई भी टिप्पणी नहीं की जाएगी.
  15. सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कार्मिकों की ओर से पुलिस विभाग, किसी वरिष्ठ अधिकारी या अपने सहकर्मी के खिलाफ कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की जाएगी. ताकि विभागीय गरिमा प्रभावित न हो.
  16. पुलिसकर्मियों की ओर से विभाग में असंतोष की भावना फैलाने वाली पोस्ट सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा नहीं किया जाएगा.
  17. पुलिस की टैक्टिस, फील्ड क्राफ्ट, विवेचना या अपराध के जांच में इस्तेमाल होने वाली तकनीक की जानकारी सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा नहीं की जाएगी.
  18. पुलिसकर्मियों की ओर से सरकार या उसकी नीतियों, कार्यक्रमों या राजनीतिक दल, राजनीतिक व्यक्ति, राजनीतिक विचारधारा और राजनीति के संबंध में सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी.
  19. पुलिसकर्मियों की ओर से अश्लील, हिंसात्मक भाषा और अश्लील फोटो या वीडियो साझा नहीं किया जाएगा.
  20. पुलिसकर्मियों की ओर से सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया अकाउंट से की जाने वाली पोस्ट में किसी जाति, धर्म, वर्ग, सम्प्रदाय, व्यवसाय, सेवाएं, संवर्ग, लिंग, क्षेत्र, राज्य आदि के संबंध में भेदभाव पूर्ण, पूर्वाग्रह या दुराग्रह से ग्रसित कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी.
  21. राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण और संवेदनशील प्रकरणों में सोशल मीडिया में कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी.
  22. न्यायालयों की ओर से जारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया जाएगा. कोई भी ऐसी पोस्ट नहीं की जाएगी और न ही ऐसी कोई विषयवस्तु साझा की जाएगी. जिससे न्यायालयों की अवमानना की स्थिति उत्पन्न हो.
  23. ऐसे किसी व्यक्ति के साथ फोटो पोस्ट नहीं की जाएगी, जो आपराधिक/अवांछित/गैर सामाजिक गतिविधियों में शामिल हों या फिर आपराधिक इतिहास हो.
  24. सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कर्मियों की ओर से फ्रेंड का चयन करते समय सतर्कता बरतना होगा. पुलिस कार्मिक ऐसे किसी व्यक्ति को मित्र न बनाएं या फॉलो न करें, जो असामाजिक या आपराधिक गतिविधियों में शामिल हों.
  25. किसी भी प्रकार के मादक पदार्थों के साथ फोटो या वीडियो सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट नहीं करेगा. केवल पुलिस के 'सराहनीय कार्य' से संबंधित पोस्ट में आरोपियों की फोटो या वीडियो सोशल मीडिया पर ब्लर करके ही पोस्ट कर सकेंगे.
  26. पुलिस कार्रवाई के दौरान बरामद माल और हथियार को बिना सील मोहर किए हुए फोटो या वीडियो सोशल मीडिया पर नहीं डाली जाएगी.
  27. पुलिसकर्मियों की ओर से गश्त या वाहन चेकिंग के दौरान मौके पर मोबाइल से फोटो और वीडियो लेते समय Geo Tagging के विकल्प को बंद रखा जाएगा.
  28. गश्त या पेट्रोलिंग या राजकीय कार्यों के निष्पादन के दौरान कार्यक्षेत्र मे मिलने वाले व्यक्तियों की फोटो या वीडियो आवश्यकता पड़ने पर ब्लर करके ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डाली जाएगी.
  29. पुलिस की वर्दी, सरकारी अस्त्र शस्त्र या वाहन आदि का इस्तेमाल करते हुए पुलिस कार्मिक के परिजन या मित्र कोई वीडियो या फोटो अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया अकाउंट से अपलोड नहीं करेगा.
  30. पुलिस कार्मिक व्यक्तिगत कार्यों या व्यक्तिगत आयोजनों से संबंधित फोटो या वीडियो सरकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट नहीं करेगा.
  31. पुलिसकर्मियों की ओर से इंडियन कॉपीराइट एक्ट 1957, द कॉपीराइट एक्ट 1957 का उल्लंघन किए जाने वाली कोई भी पोस्ट या फोटो या फिर वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड नहीं की जाएगी.
  32. पुलिसकर्मियों की ओर से किसी भी प्रकार के सांकेतिक विरोध से संबंधित प्रतीक को सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया अकाउंट के प्रोफाइल पिक्चर आदि के रूप में नहीं लगाया जाएगा.
  33. पुलिस कार्मिक सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया अकाउंट की डीपी यानी प्रोफाइल पिक्चर पर किसी भी संगठन या राजनीतिक दल आदि से संबंधित प्रतीक नहीं लगा सकेंगे.
  34. पुलिस कार्मिक ऐसे किसी भी व्हाट्सएप ग्रुप, पेज आदि को ज्वाइन नहीं करेंगे, जो पुलिस विभाग या सरकार के विरोध में हों. न ही खुद कोई ग्रुप बनाएंगे.
  35. पुलिस कार्मिक सरकारी सोशल मीडिया अकाउंट को अपने व्यक्तिगत मोबाइल पर लॉग इन नहीं करेंगे. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर व्यक्तिगत अकाउंट बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि सरकारी मोबाइल नंबर, इंटरनेट, वाई फाई, आईपी एड्रेस, ईमेल आईडी का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
  36. सोशल मीडिया पर मिलने वाली पोस्ट, फोटो या वीडियो को बिना सत्यापित किए फॉरवर्ड नहीं करेंगे.
  37. सोशल मीडिया के माध्यम से सेवा संबंधी प्रकरणों का निराकरण करने के लिए वीडियो या पोस्ट अपलोड नहीं किया जाएगा.
  38. सोशल मीडिया पर प्रचलित ऑनलाइन पोल या वोटिंग पर किसी भी सरकारी सोशल मीडिया अकाउंट से बिना अनुमति के प्रतिभाग नहीं करेंगे. इसके अलावा कोई टिप्पणी भी नहीं की जाएगी.
  39. पुलिसकर्मियों की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी भी व्यक्ति को ट्रोल या बुली (Bullying) नहीं किया जाएगा.

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