देहरादून: प्रदेश में 10वीं और 12वीं परीक्षा के परिणाम आने वाले हैं. जिसके कारण इन दिनों बोर्ड परीक्षार्थियों की दिल की धड़कनें बढ़ी हुई हैं. छात्रों को लगता है कि रिजल्ट बेहतर आएगा या नहीं, कई बार रिजल्ट को लेकर माता पिता का बच्चों पर दबाव भी उनके लिए तनाव की वजह बनता है.बोर्ड परिणामों को लेकर हमने कुछ सफल और बड़े अधिकारियों से बात की. जिसमें हमने उनसे ये जानने की कोशिश की कि उन्होंने अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण पड़ाव में किस तरह की तैयारी की. जिसमें लगभग सभा ने बताया कि रिजल्ट से पहले बिल्कुल भी प्रेशर नहीं लेना चाहिए. और किस अधिकारी ने किया कुछ कहा आइये आपको बताते हैं.
IAS अधिकारी उत्पल कुमार सिंह, मुख्यसचिव उत्तराखंड
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह बताते हैं कि उन्होंने दसवीं कक्षा पश्चिम बंगाल के आसनसोल और बारहवीं कक्षा साइंस कॉलेज ऑफ पटना से पास की थी. उन्होंने यह भी बताया कि वह बिल्कुल सामान्य छात्र की तरह थे. वे पढ़ाई से ज्यादा खेलकूद में रुचि रखते थे. मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि वह कभी टॉपर नहीं थे, लेकिन सामान्य से थोड़ा बेहतर थे.
IAS आर मीनाक्षी सुंदरम, शिक्षा सचिव उत्तराखंड
उत्तराखंड के शिक्षा सचिव आईएएस अधिकारी आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि वह तमिलनाडु के एक छोटे से शहर से हैं. जहां से उन्होंने 10वीं और 12वीं की कक्षा पास की. उनके पिताजी बिजली विभाग में काम करते थे. उन्होंने दसवीं कक्षा तमिल भाषा में की और ग्यारहवीं 12वीं में इंग्लिश मीडियम में आ गए. जिसके कारण उन्हें कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ा. उन्होंने बताया कि 12वीं कक्षा के बाद वे मेडिकल के क्षेत्र में जाना चाहते थे लेकिन केमिस्ट्री में उनके अच्छे नंबर नहीं आये. जिसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, जिसका नतीजा है कि आज वे अपने जीवन के सफलतम मुकाम पर हैं. आर मीनाक्षी सुंदरम ने सभी बोर्ड छात्रों को संदेश दिया है कि बोर्ड की परीक्षा हमारे जीवन की कोई आखिरी परीक्षा नहीं है. उन्होंने कहा लाइफ हर किसी को दूसरा अवसर जरूर देती है.
IAS अधिकारी अमित नेगी, स्वस्थ्य सचिव उत्तराखंड
उत्तराखंड की चिकित्सा सचिव युवा आईएएस अधिकारी अमित नेगी की स्कूलिंग उत्तराखंड के देहरादून से हुई है. उन्होंने बोर्ड छात्रों को से अपील की है कि वह बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट से पहले मानसिक दबाव बिल्कुल न ले. उन्होंने कहा कि यह वक्त फ्री माइंड रहने का है. बोर्ड परीक्षाओं में नंबर जरूरी हैं लेकिन यह जरूरी नहीं कि कम मार्क्स आने पर आप सफल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जोकि औसत नंबर पाने के बावजूद भी आगे जाकर जीवन में सफल मुकाम हासिल कर पाये.