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कुंभ समापन का फैसला सरकारी नहीं, अखाड़ों का निजी फरमान- सुबोध उनियाल

उत्तराखंड सरकार ने इसको कुछ अखाड़ों का निजी फैसला करार दिया है. उधर, निरंजनी और आनंद अखाड़े के कुंभ समापन की घोषणा पर जगतगुरु स्वरूपानंद सरस्वती भी विरोध में उतर गए हैं.

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Published : Apr 16, 2021, 3:11 PM IST

देहरादून:महाकुंभ 2021 को लेकर कुछ अखाड़ों ने कुंभ के समापन को लेकर घोषणा कर दी. इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने इसको कुछ अखाड़ों का निजी फैसला करार दिया है. शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा है कि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा हरिद्वार में महाकुंभ 2021 का सफल आयोजन किया जा रहा है. इसकी झलक बीते 3 शाही स्नान में हरिद्वार में देखने को मिली. उन्होंने कुंभ समापन के फैसले पर कहा कि यह अखाड़ों का निजी फैसला है, सरकार का फैसला नहीं.

उत्तराखंड सरकार ने इसको कुछ अखाड़ों का निजी फैसला करार दिया.

सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि सरकार की तरफ से कुंभ समापन की घोषणा नहीं की गई है. अभी पूर्व की तरह व्यवस्थाएं जारी रहेंगी. हालांकि, परिस्थितियों को देखते हुए सरकार गंभीर है और उचित समय पर सही निर्णय लिया जाएगा.

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संतों ने भी जताया विरोध

बता दें, निरंजनी और आनंद अखाड़े के कुंभ समापन घोषणा पर जगतगुरु स्वरूपानंद सरस्वती भी विरोध में उतर गए हैं. स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि महाकुंभ किसी व्यक्ति विशेष का नहीं, बल्कि सबका है. किसी को अधिकार नहीं है कि वो सब पर अपना फैसला थोपे.

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