देहरादून: राज्यमंत्री रेखा आर्य ने आज विधानसभा भवन में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक की. इस दौरान बैठक में मंत्री ने आगामी 23 नवंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के समक्ष पेश की जाने वाली विभागीय प्रेजेंटेशन को देखा. साथ ही विभागीय अधिकारियों को प्रेजेंटेशन में विभाग की अब तक की सभी उपलब्धियों को बेहतर तरह से दर्शाने के सख्त दिशा निर्देश दिए.
गौरतलब है कि प्रदेश में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से राज्य और केंद्र पोषित योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. इसमें विशेषकर नंदा गौरा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, पोषाहार योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाएं शामिल हैं. राज्यमंत्री रेखा आर्य ने बताया कि प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन हो रहा है. इन योजनाओं का लाभ बेहतर तरह से जन-जन तक पहुंचाने को लेकर विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.
महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक ये भी पढ़ें:देहरादून में 25 नवंबर को लगेगा रोजगार मेला, 215 पदों के लिए होगा इंटरव्यू
मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के बारे में बताते हुए रेखा आर्य ने कहा कि इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य बच्चों में कुपोषण को दूर करना है. ऐसे में इस योजना के तहत अब तक प्रदेश में हजारों बच्चों को कुपोषण से बाहर निकाला जा चुका है. वर्तमान में प्रदेश में महज 11,000 कुपोषित बच्चे चिन्हित हैं. वहीं, अति कुपोषित बच्चों की संख्या भी महज दो हजार है, जिन्हें इन योजना के तहत कुपोषण से उभारने का प्रयास किया जा रहा है.
गौरतलब है समीक्षा बैठक में राज्यमंत्री रेखा आर्य ने मुख्यमंत्री के समक्ष पेश की जाने वाली प्रेजेंटेशन में सेनिटरी नेपकीन वितरण योजना को नहीं दर्शानो को लेकर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई. वहीं, अधिकारियों को निर्देशित किया कि 23 नवंबर से पहले विभाग की सभी उपलब्धियों और योजनाओं का उल्लेख करते हुए एक संक्षिप्त और बेहतर प्रेजेंटेशन तैयार करें.