देहरादून: उत्तराखंड सरकार में कद्दावर मंत्री हरक सिंह रावत भी कोरोना काल में सरकारी सिस्टम से लड़ते नजर आये. हरक सिंह रावत को अपनी ही सरकार में प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में एक वेंटिलेटर और आईसीयू बेड तक नहीं मिल सका. जिससे प्रदेश में मौजूदा दौर में स्वास्थ्य व्यवस्था के हालात और हकीकत की स्थिति स्पष्ट होती है. भले ही अधिकारी एसी दफ्तरों में बैठकर तमाम दावे कर लें, मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही हैं. जिससे प्रदेश के माननीय भी नहीं बच पा रहे हैं.
दरअसल, वन मंत्री हरक सिंह रावत भी अपने परिजनों के लिए खुद प्रयास में जुटने के बावजूद भी आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं करवा पाए. वन मंत्री हरक सिंह रावत ने इस बात की खुद तस्दीक की. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने परिजनों के लिए बेड की व्यवस्था करने की कोशिश की, खुद भी कई अस्पतालों में इसको लेकर बात की. मगर इन सबके बावजूद भी वे सरकारी अस्पताल में अपने भांजे के लिए वेंटिलेटर और आईसीयू बेड की व्यवस्था नहीं कर सके.
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