डोईवाला: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकी हमले में उत्तराखंड के शहीद जवानों के पार्थिव शरीर हवाई जहाज से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंच चुके हैं. ऐसे में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और शहीदों के परिजनों के प्रति अपनी शोक संवेदना व्यक्त की.
बता दें कि टिहरी निवासी विक्रम सिंह नेगी और चमोली निवासी योगंबर सिंह आतंकियों के लोहा लेते हुए गुरुवार को गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसके बाद इलाज के दौरान दोनों ने दम तोड़ दिया.
शहीदों के पार्थिव शरीर पहुंचे जॉलीग्रांट एयरपोर्ट. पढ़ें:कश्मीर एनकाउंटर: शहीद योगंबर सिंह का है एक साल का बेटा, मां का रोकर है बुरा हाल
वहीं, शनिवार दोपहर बाद जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर शहीद जवानों के पार्थिव शरीर पहुंचने पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और शोकाकुल परिजनों से अपनी शोक संवेदना व्यक्त की. इसके बाद शहीद जवानों के पार्थिक शरीर को उनके पैतृक गांवों के लिए वाहनों से रवाना किया गया.
भरापूरा परिवार बिलखते छोड़ गए योगंबरः बता दें कि जवान योगंबर सिंह की शादी को करीब तीन साल हो गये थे. उनका एक साल का बेटा भी है. शहीद के परिवार में माता जानकी देवी, पिता विरेंद्र सिंह के अलावा दो भाई प्रशांत सिंह और वसुदेव सिंह हैं. इसके अलावा एक बहन श्रुति, पत्नी कुसुम देवी और एक साल का बेटा अक्षित है, जिन्हें वे अपने पीछे छोड़ गए हैं.
घर आने वाले थे विक्रम नेगी: वहीं, 22 अक्टूबर को पूजा के लिए विक्रम नेगी घर टिहरी आने वाले थे. वो अपने घर का इकलौते कमाऊ सदस्य थे. उन्हें बचपन से ही आर्मी में जाने का शौक था. 2015 में विक्रम आर्मी में भर्ती हुए थे. 17 जुलाई को डेढ़ महीने की छुट्टी काटकर वह ड्यूटी पर गये थे. 7 दिन बाद 22 अक्टूबर को घर में पूजा के लिए वह आने वाले थे. विक्रम अपने गांव के एकमात्र लड़के थे, जो आर्मी में भर्ती हुए थे.
गुरुवार (14 अक्टूबर) सुबह 8 बजे के करीब विक्रम सिंह नेगी की अपनी मां से वीडियो कॉल से बातचीत हुई थी, लेकिन दिन में अचानक जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकी घुसने की खबर मिलने पर राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी की यूनिट के साथ सर्च ऑपरेशन के लिए निकले. सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में वह घायल हो गए. जिसके बाद उन्हें आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने शुक्रवार को दम तोड़ दिया.