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गंगा-यमुना के प्रदेश में हर साल महंगा हो रहा पानी, जन विकास मंच ने खोला मोर्चा

उत्तराखंड नदियों का प्रदेश है. यहां के हिमालय को देश का ऑक्सीजन टैंक कहा जाता है. इसके बावजूद उत्तराखंड में हर साल पानी महंगा हो रहा है. उत्तराखंड जन विकास मंच ने 8 सूत्रीय मांगों को लेकर ऋषिकेश में रैली निकाली. इस दौरान उन्होंने सरकार से पीने के पानी का बिल माफ करने की मांग की.

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Published : Sep 27, 2021, 4:48 PM IST

ऋषिकेशःउत्तराखंड में साल दर साल पीने का पानी महंगा होता जा रहा है. पानी के बिल में हर साल 15% की वृद्धि की जा रही है. जिसे लेकर उत्तराखंड जन विकास मंच ने मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में मंच के कार्यकर्ताओं ने शहरवासियों के सहयोग से रैली निकालकर जल संस्थान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने अपनी 8 सूत्रीय मांगें सरकार के सामने रखी हैं. वहीं, उन्होंने मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

सोमवार को उत्तराखंड जन विकास मंच ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत ऋषिकेश में रैली निकाली. रैली रेलवे रोड स्थित एक धर्मशाला से शुरू होकर मुख्य मार्गों से होते हुए त्रिवेणी घाट पहुंचकर समाप्त हुई. इस दौरान जल संस्थान के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए मंच के कार्यकर्ता देखे गए. उत्तराखंड जन विकास मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने बताया कि सरकार उत्तराखंड के लोगों के साथ छलावा कर रही है. मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद अभी तक पानी के बिलों में अविलंब शुल्क माफ नहीं किया गया है.

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कोरोना की वजह से लगातार लोग बेरोजगार हो रहे हैं. जिसकी वजह से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. बिजली और पानी के बिलों को भरने में भी रह असमर्थ नजर आ रहे हैं. ऐसे में सरकार को जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आना चाहिए. जबकि, सरकार अपनी कथनी और करनी में ही फर्क कर रही है. जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.

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ये हैं मांगेंःउन्होंने बताया कि सरकार के सामने अपनी कुछ मांगे रखी हैं. यदि सरकार उन मांगों पर ध्यान नहीं देती तो उत्तराखंड जन विकास मंच सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा. मांग पत्र में मुख्य रूप से पानी के बिल में 15% की वृद्धि दर को रोकने, पुरानी लाइनों को बदलने, जल कनेक्शन लेने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम अपनाने, कोरोनाकाल के दौरान का पानी का बिल माफ करने, सीवर का कनेक्शन 100 रुपए में देने की मांग शामिल है.

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