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48 साल पहले इंदिरा गांधी ने देखा था जमरानी बांध का सपना, 61 करोड़ में होना था तैयार, अब मोदी सरकार खर्च करेगी 1730 करोड़ - प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी

Uttarakhand Jamrani Dam उत्तराखंड में बनने जा रहे जमरानी बांध को लेकर केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद निर्माण कार्य के लिए रास्ता साफ हो गया है. ऐसे में आज हम आपको जमरानी बांध को बनाने की शुरुआत से लेकर तमाम अहम जानकारी देंगे. पढ़ें पूरी खबर..

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 26, 2023, 5:36 PM IST

देहरादून:जमरानी बांध के निर्माण को लेकर केन्द्र सरकार ने मंजूरी दे दी है.जिसके बाद प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पर सिंचाई लाभ कार्यक्रम के तहत जमरानी बांध का निर्माण कार्य किया जाएगा. दरअसल जमरानी बांध मामला उस वक्त का है, जब 48 साल पहले इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी, तभी उत्तर प्रदेश में पानी की जरूरत को लेकर केंद्र सरकार अहम कार्य करना चाहती थी, तभी इस योजना को इंदिरा गांधी सरकार ने कागजों में उतारा था, लेकिन यह योजना सिर्फ उस वक्त कागजों में ही सिमट कर रह गई थी.

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई गांव होंगे रोशन: अगर 48 साल पहले इस योजना को धरातल पर उतरा जाता, तो उस वक्त यह बांध मात्र 61.25 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हो जाता. उस वक्त बांध को बनाने के लिए 8 साल का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन कार्य एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा. लंबे समय से इसको लेकर तमाम बैठकें हुई और बैठक के बाद भी योजनाएं बनती रही. इस योजना के पूरे हो जाने से 57 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा. साथ ही साथ 42.70 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्र को भी मिलेगा. इसके अलावा इस योजना से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई गांव रोशनी से जगमग होंगे.

जमरानी बांध के बनने से 6 गांव होंगे प्रभावित:जमरानी बांध के बनने से हल्द्वानी के तिलवाड़ी, पनियाबोर, पस्तोला, उड़ावा, गनराड और मुरकुड़िया गांव पूरी तरह से जल में समा जाएंगे. हालांकि इन गांवों में रहने वाले लगभग 1161 परिवारों को राज्य सरकार दूसरी जगह शिफ्ट करेगी. वहीं, मंजूरी मिलने के बाद भारत सरकार द्वारा 1730.20 करोड़ रुपए की स्वीकृति पीएमकेएसवाई में 90 प्रतिशत ( केन्द्रांश) 10 प्रतिशत ( राज्यांश) के अंतर्गत किया जाना प्रस्तावित है. शेष धनराशि का वहन संयुक्त रूप से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के साथ किए गए एमओयू के अनुसार किया जाएगा.

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जमरानी बांध परियोजना से प्रभावित 351.55 हेक्टेयर वन भूमि सिंचाई विभाग को हस्तांतरित करने हेतु वन भूमि (स्टेज-2 ) अंतिम स्वीकृति पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जनवरी 2023 में दी गई थी. इसके अलावा परियोजना प्रभावित परिवारों के विस्थापन हेतु प्राग फार्म की प्रस्तावित 300.5 एकड़ भूमि का प्रस्ताव दिनांक 18 मई 2023 को उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट में पारित किया जा चुका है.
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