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कैदियों की दुर्दशा में दूसरे पायदान पर उत्तराखंड, प्रदेश में नहीं एक भी महिला जेल

जेलों की दुर्दशा के मामले में उत्तराखंड राज्य दूसरे पायदान पर है. वहीं, राज्य में एक भी महिला जेल न होना भी सवाल खड़े करता है.

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Published : Sep 2, 2020, 6:07 PM IST

Updated : Sep 2, 2020, 6:27 PM IST

उत्तराखंड जेल
उत्तराखंड जेल

देहरादूनः राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने हाल ही में देश के सभी जेलों के आंकड़ों से जुड़ी रिपोर्ट जारी की है. जिसमें उत्तराखंड राज्य की रेटिंग बेहद खराब है. क्षमता से अधिक कैदियों को जेलों में ठूंसने के मामले में उत्तराखंड देश में दूसरे पायदान पर है. हालांकि, सरकार ये कहकर इन आंकड़ों पर लीपापोती लगा सकती है कि आंकड़े साल 2019 पर आधारित है. लेकिन, राज्य में एक भी महिला जेल न होना और प्रदेश में जेलों की कम संख्या सरकार की व्यवस्था पर प्रश्न जरूर उठाती है, वो भी तब जब कोरोना संक्रमण का खतरा सरकार और प्रशासन के लिए चिंता सबब बना हुआ है.

उत्तराखंड राज्य में मौजूदा समय में कुल 11 जेल हैं. जिसमें 7 जिला जेल और एक केंद्रीय जेल शामिल है. हालांकि, राज्य गठन के 20 साल बाद भी प्रदेश में एक भी महिला जेल न होना चिंता का कारण जरूर है. राज्य की 11 जिलों में महिला कैदियों के रखने की क्षमता 154 है. बावजूद इसके 31 दिसंबर 2019 तक के आंकड़ों के अनुसार, 262 महिला कैदी जिलों में रखे गए थे. यानी 100 महिलाओं की क्षमता के सापेक्ष 170.13 फीसदी महिलाएं जेलों में रखी गयी थी. जबकि साल 2018 में 100 महिलाओं की क्षमता के सापेक्ष 164.9 फीसदी महिलाएं जेलों में रखी गयी.

यही नहीं, एनसीआरबी की रिपोर्ट में 31 दिसंबर 2019 तक देश में कुल जेलों की संख्या 1,350 जेल थीं. जिसमें से राजस्थान राज्य में सबसे अधिक 144 जेल हैं. तमिलनाडु राज्य 141 जेलों की संख्या के साथ दूसरे पायदान पर है. इसके बाद मध्यप्रदेश 131 जेल के साथ तीसरे नंबर पर है.

जेलों के तीन प्रकार

जेल प्रशासन आपराधिक न्याय प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. जहां कैदियों को रखा जाता है. हालांकि, जेल को तमाम देशों में अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है. जिसमें मुख्य रूप से सुधारक सुविधाएं, हिरासत केंद्र, जेल, रिमांड सेंटर आदि नाम प्रचलित हैं. जेल तीन स्तरों में विभाजित है. जिसमें तालुका स्तर, जिला स्तर और जोनल या रेंज स्तर. इन स्तरों की जेलों को सब जेल, जिला जेल और सेंट्रल जेल कहा जाता है.

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उत्तराखंड के जेलों की स्थिति

उत्तराखंड में मौजूद 11 जेलों में कैदियों के रखने की क्षमता 3,540 है. जिसमें 3,386 पुरुष कैदी और 154 महिला कैदी शामिल हैं. बावजूद इसके, साल 2019 के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 11 जेलों में कुल 5629 कैदी थे. जिसमें 5367 पुरुष और 262 महिला शामिल थे. यानी 100 पुरुष कैदी के सापेक्ष 158.5 फीसदी और 100 महिलाओं के सापेक्ष 170.1 फीसदी कैदी जेल में थे. कुल मिलाकर 100 कैदी के सापेक्ष 159 फीसदी जेल में रखे गए हैं.

जेल में अब तक 20 कैदियों की मौत

हर साल देश भर की जेलों से कैदियों के मौत के मामले सामने आते हैं. इसे आम तौर पर दो श्रेणियों में बंटा जाता है. पहला प्राकृतिक मौत और दूसरा अप्राकृतिक मौत. साल 2019 में देश भर में न्यायिक हिरासत में कुल 1,775 कैदीयो की मौत हुई. जिसमें से सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक कारणों से 393 कैदियों और अप्राकृतिक कारणों से 29 कैदियों की मौत हुई. वहीं, उत्तराखंड राज्य में कुल 20 कैदियों की मौत हुई है. जिसमें 19 प्राकृतिक कारणों से और एक अप्राकृतिक कारणों से मरे.

Last Updated : Sep 2, 2020, 6:27 PM IST

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