देहरादून: कोविड-19 संक्रमण के चलते लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं में एंबुलेंस का अहम योगदान रहा है. ऐसे में बात चाहे सरकारी आपातकालीन सेवा 108 की हो या फिर स्वास्थ्य विभाग की अन्य एंबुलेंस की. लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर दौड़ती इन एंबुलेंस ने अपना अहम रोल निभाया है. वहीं, प्राइवेट एंबुलेंस ने भी मौके को देखते हुए खूब चांदी काटी.
108 आपातकालीन सेवा ने दिखाई ततपरता
लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड में पहले से ही चल रही आपातकालीन 108 सेवा कोरोना संक्रमण को देखते हुए अलर्ट हो गई. राज्य के सभी जिलों में एक-एक एंबुलेंस को कोरोना वायरस के लिए डेडीकेटेड कर दिया गया. 108 सेवा ने हर जिले में एक एंबुलेंस को पीपीई किट, सैनेटाइजेशन और तमाम सुविधाओं से लैस करते हुए कोरोना से जंग के लिए तैनात कर दिया.
108 के जरनल मैनेजर अनिल शर्मा बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग और 108 आपातकालीन सेवा मिलकर इस लॉकडाउन में लोगों को अपनी सेवाएं दे रही हैं. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और 108 आपसी सामंजस्य से कोरोना मरीजों के लिए अलग एंबुलेंस भेजती है तो सामान्य मरीजों के लिए अलग एंबुलेंस भेजी जाती है.
स्वास्थ्य विभाग ने खड़ा किया समानांतर तंत्र
कोरोना संकट के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने एक समानांतर सिस्टम खड़ा किया और लॉकडाउन के चलते अपने घरों में फंसे लोगों को स्वास्थ्य संबंधित समस्या के लिए 104 नंबर से नया कॉल सेंटर खोला. चिकित्सक परामर्श के साथ-साथ एंबुलेंस की एक और समानांतर सेवा भी स्वास्थ्य विभाग ने जारी की. किस तरह से स्वास्थ्य विभाग कोरोनावायरस से लड़ रहा है? यह तंत्र कैसे धरातल पर काम कर रहा है. इसका जायजा ईटीवी भारत की टीम ने वॉर रूम में जाकर लिया.