उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

कुंभ में ड्रैंगन की एंट्री! स्वास्थ्य विभाग खरीदने जा रहा चीन में बनी MRI मशीन

महाकुंभ के लिए स्वास्थ्य से जुड़े चीनी उपकरणों की खरीद उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के लिए मजबूरी बन सकता है. स्वास्थ्य विभाग ने एक ऐसी कंपनी को एमआरआई मशीन खरीदने के लिए टेंडर दिया है जो मशीनों के पार्ट्स चीन से ही खरीदती है.

MRI machine
महाकुंभ के लिए चीनी उपकरणों की खरीद उत्तराखंड की मजबूरी

By

Published : Feb 24, 2021, 7:32 PM IST

Updated : Feb 24, 2021, 10:43 PM IST

देहरादून: भारत-चीनी सैनिकों के बीच गलवान में हुई मुठभेड़ के बाद चीन के खिलाफ लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर था. इसका सबसे ज्यादा असर भारत-चीन के बीच होने वाले व्यापारिक संबंधों पर पड़ा. चीनी सामान के बहिष्कार को लेकर लोगों के साथ ही राज्य सरकारों ने भी प्रतिबद्धता दिखाई. उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने भी कैबिनेट में राज्यों की कंपनियों को टेंडर प्रक्रिया में चीनी कंपनियों से दूरी बनाये रखने के आदेश दिये. मगर अब महाकुंभ में एमआरआई मशीन खरीद मामले को लेकर ये मामला दोबारा चर्चा में है. दरअसल, उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने एक ऐसी कंपनी को एमआरआई मशीन खरीदने के लिए टेंडर दिया है जो मशीनों के पार्ट्स चीन से ही खरीदती है.

कुंभ में ड्रैंगन की एंट्री!

हरिद्वार महाकुंभ में 10 करोड़ से ज्यादा की लागत वाली एमआरआई मशीनों को एक ऐसी कंपनी से खरीदे जाने की तैयारी है जो चीन से ही एमआरआई मशीन के पार्ट्स खरीदने का काम करती है. कुंभ मेला अधिकारी अर्जुन सिंह सेंगर के मुताबिक, एमआरआई मशीन के पार्ट्स सिर्फ चीन में ही बनते हैं इसलिए जिस कंपनी को एमआरआई मशीन खरीद के लिए टेंडर दिया गया है वह भी चीन पर ही निर्भर है. उन्होंने बताया कि जिस कंपनी को टेंडर दिया गया है उसके पास भारत सरकार की एनओसी है.

चीनी उपकरणों की खरीद उत्तराखंड की मजबूरी.

पढ़ें-नारसन चेकपोस्ट पर अवैध वसूली में नपे परिवहन विभाग के 14 अफसर और कर्मचारी, सभी पर गिरी गाज

बैन के बावजूद चीन के सामान के इस्तेमाल पर ईटीवी भारत ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद डॉ. अर्जुन सेंगर ने बताया कि अब मामले की जांच करवायी जा रही है. फिलहाल एमआरआई मशीन की खरीद नहीं की गई है. परीक्षण के बाद ही इस पर आगे कार्रवाई की जाएगी.

बोस्टन हेल्थ केयर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है टेंडर.

चीन से स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद भारत की मजबूरी
भले ही देश में चीनी सामान के बहिष्कार के लिए कई अभियान चलाये गये हों, मगर फिर भी कई सेक्टर ऐसे हैं जिस मामले में भारत का चीन से सामान खरीदना मजबूरी हो जाता है. स्वास्थ्य सेक्टर एक ऐसा ही क्षेत्र है. भारत समेत दुनिया के कई देश इस मामले में चीन पर ही निर्भर हैं. उत्तराखंड में भी स्वास्थ्य से जुड़े उपकरणों को कैबिनेट के निर्णय के बाद भले ही चीनी कंपनियों को बाहर करने की कोशिश की गई हो, लेकिन हकीकत यह है कि जिन कंपनियों को टेंडर दिए भी जा रहे हैं वह भी इन उपकरणों को चीन से ही मंगवाने को मजबूर हैं.

बोस्टन हेल्थ केयर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है टेंडर.

पढ़ें-उत्तराखंड ATS में शामिल पहला महिला कमांडो दस्ता

एमआरआई जैसी महत्वपूर्ण मशीन की बात करें तो इसके सभी पार्ट्स चीन में ही बनाए जाते हैं. दुनिया के बड़े-बड़े देश भी इन पार्ट को चीन से ही मंगवाते हैं. ऐसे में महाकुंभ में एमआरआई मशीन को लेकर भले ही टेंडर बोस्टन हेल्थ केयर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया हो लेकिन यह कंपनी भी एमआरआई मशीन के पार्ट्स यूनाइटेड हेल्थ केयर से ही खरीदती है जो कि एक चीन की कंपनी है.

कुंभ में ड्रैंगन की एंट्री!

पढ़ें-SDRF ने ऋषि गंगा झील के मुहाने को किया चौड़ा, जलस्तर का दबाव हुआ कम

महाकुंभ में स्वास्थ्य से जुड़े उपकरणों की खरीद को लेकर सवाल उठे तो विभाग ने इसका परीक्षण कराकर कैबिनेट के निर्णय के खिलाफ इस खरीद को नहीं करने की जांच शुरू कर दी. हालांकि विपक्षी नेता इस मामले को भी भुनाने में जुटे हुए हैं. कांग्रेसी नेताओं की मानें तो उत्तराखंड में सरकार भले कुछ भी कहे लेकिन हकीकत में चीन से ही खरीद की जा रही है, जो कि सरकार करनी और कथनी में अंतर को दर्शाती है.

कुंभ में ड्रैंगन की एंट्री!

पढ़ें-राजनाथ से मिले त्रिवेंद्र, चौखुटिया में हवाई पट्टी बनाने पर बातचीत

वहीं, इस मामले पर स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बयान जारी करते हुए कहा कि उन्हें इस पूरे प्रकरण की जानकारी नहीं है, वो इस मामले को दिखा रहे हैं. उन्होंने यह भी साफ किया कि प्रदेश की कैबिनेट के फैसले के अनुसार जो भी प्रोक्योरमेंट रूल्स तय किए गए हैं उसी के अनुसार खरीद की जाएगी.

Last Updated : Feb 24, 2021, 10:43 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details