देहरादून: उत्तराखंड की एक बड़ी आबादी पिछले कुछ सालों में गरीबी रेखा से ऊपर आ गई है. दरअसल, नीति आयोग की ओर से जारी नेशनल मल्टी डाइमेंशनल पावर्टी इंडेक्स, ए प्रोग्रेस रिव्यू 2023 में देश और सभी राज्यों की रिपोर्ट जारी की गयी है. इसके तहत देश में गरीबी रेखा के अनुपात में करीब 10 फीसदी की गिरावट देखी गई है. नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2015-16 में हेड काउंट रेशियो (HCR) 24.85 फीसदी था, जबकि 2019-21 में यह अनुपात घटकर 14.96 फीसदी रह गया है.
विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य उत्तराखंड में भी हेड काउंट रेशियो में कमी देखी गई है. नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2015-16 में हेड काउंट रेशियो 17.67 फीसदी था, जबकि 2019-21 में यह अनुपात घटकर 9.67 फीसदी रह गया है. यानी गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली आबादी का रेशियो करीब 8 फीसदी तक घट गया है. इसके साथ ही प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के हेड काउंट रेशियो में बड़ा बदलाव देखने को मिला है.
अल्मोड़ा में 16.18 फीसदी कम हुआ HCR: दरअसल, 2015-16 में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों का हेड काउंट रेशियो 21.87 था जोकि 2019-21 में घटकर 10.84 फीसदी रह गया है. यानी प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 11 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है. इसी क्रम में 2015-16 में राज्य के शहरी क्षेत्रों का हेड काउंट रेशियो 9.89 फीसदी था, जोकि 2019-21 में घटकर 7.00 फीसदी रह गया है. नीति आयोग के मुताबिक, अल्मोड़ा जिले में सबसे ज्यादा हेड काउंट रेशियो 2015-16 में 25.65 फीसदी था, जोकि 2019-21 में 9.47 फीसदी रिकॉर्ड किया गया.
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