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अनाथ बच्चों का डॉक्टर बनने का रास्ता हुआ आसान, मेडिकल कॉलेजों में सीटें आरक्षित

उत्तराखंड ऐसा दूसरा राज्य है, जहां अनाथ छात्रों के लिए ऐसी व्यवस्था की गई है. नई व्यवस्था के बाद अब प्रदेश के 7 मेडिकल कॉलेजों में 11 एमबीबीएस और 2 बीडीएस की सीटें आरक्षित रहेंगी.

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Published : Nov 16, 2020, 10:57 PM IST

देहरादून: अनाथ बच्चों के सुनहरे भविष्य को लेकर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत उत्तराखंड के बाल गृह में रहने वाले बच्चों को मेडिकल की सीटों में आरक्षण दिए जाने का निर्णय लिया गया है. जिसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं.

प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में अनाथ बच्चों के लिए सीटें आरक्षित कर दी गई हैं. राज्य के बाल गृह में रहने वाले बच्चों को सुनहरा भविष्य देने के प्रयास के तहत इस कदम को उठाया गया है. इसके लिए शासन की तरफ से आदेश जारी कर दिए गए हैं. जिसके बाद ऐसे छात्रों के लिए मेडिकल में एडमिशन लेना आसान हो जाएगा. नई व्यवस्था के बाद अब प्रदेश के 7 मेडिकल कॉलेजों में 11 एमबीबीएस और 2 बीडीएस की सीटें आरक्षित रहेंगी.

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बता दें कि राज्य में फिलहाल तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज है, जिसमें दून मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज शामिल है. उधर निजी मेडिकल कॉलेज के रूप में एसजीआरआर और हिमालयन इंस्टिट्यूट शामिल है.

बीडीएस के लिए सीमा डेंटल कॉलेज ऋषिकेश और उत्तरांचल डेंटल कॉलेज शामिल है. एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर विजय जुयाल ने नई व्यवस्था के तहत आरक्षण व्यवस्था शुरू होने की बात कही है. आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था में राज्य कोटे के तहत छात्रों को इन सीटों पर आरक्षण मिलेगा. वैसे उत्तराखंड ऐसा दूसरा राज्य है जहां अनाथ छात्रों के लिए ऐसी व्यवस्था की गई है.

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