देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एसएलपी को वापस लेने का निर्णय लिया है. चारधाम के कपाट खुलने के बाद से ही प्रदेश में चारधाम की यात्रा स्थगित चल रही है. बीते 28 जून को हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी. जिसके चलते चारधाम यात्रा से जुड़े व्यवसायियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
ऐसे में उत्तराखंड राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी. जिस पर अभी तक एक भी सुनवाई नहीं हो सकी. ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को वापस लेने का निर्णय लिया है. ताकि इस मामले में जल्द हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाए और चारधाम यात्रा को लेकर कोई निर्णायक फैसला हो सके.
6 जुलाई को दायर हुई थी एसएलपी: बीते 7 जुलाई को हाईकोर्ट में चारधाम यात्रा को लेकर सुनवाई होनी थी. लेकिन, उससे पहले 6 जुलाई को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी थी. जिसके बाद हाईकोर्ट में भी मामला पेंडिंग का हो गया था. वहीं, प्रदेश में चारधाम यात्रा का समय बीतता जा रहा है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में अभी तक एक बार भी सुनवाई नहीं हुई है. ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को वापस लेने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार हाईकोर्ट से चारधाम यात्रा को संचालित करने की अनुमति देने का अनुरोध भी करेगी.
भारत से बातचीत करते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि सरकार चाहती है कि चारधाम यात्रा पर तत्काल फैसला हो, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी की वजह से काफी विलंब हो रहा है. ऐसे में सरकार अपनी पूरी तैयारी के साथ हाईकोर्च जाएगी और जल्द यात्रा शुरू करने की अनुमति मांगेगी. सतपाल महाराज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी की सुनवाई के लिए अब तक तारीख नहीं मिल पाई है, जिसके चलते बहस नहीं हो पा रही है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो चारधाम यात्रा का समय भी समाप्त हो जाएगा, जिसे देखते हुए हाईकोर्ट से इस मामले में तत्काल निर्णय लेने का अनुरोध किया जाएगा.
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