उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

गंभीर बीमारी से जूझ रहीं राज्य आंदोलनकारी सुभाषिनी बर्त्वाल का इलाज कराएगी धामी सरकार - मसूरी बीजेपी महिला मोर्चा

उत्तराखंड राज्य आंदोलन में अपनी अहम भूमिका निभाने वाली महिला राज्य आंदोलनकारी सुभाषिनी बर्त्वाल आज गंभीर बीमारी से जूझ रहीं हैं. अब सीएम पुष्कर धामी ने बीमार सुभाषिनी के इलाज का खर्च उठाने की घोषणा की है.

state agitator Subhashini Bartwal
ज्य आंदोलनकारी सुभाषिनी बर्त्वाल का इलाज

By

Published : Apr 7, 2022, 8:30 PM IST

मसूरीः राज्य आंदोलनकारी सुभाषिनी बर्त्वाल बीते तीन महीने से गंभीर बीमारी के चलते मैक्स अस्पताल में भर्ती हैं. अभी तक उनके इलाज में लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं. अब राज्य सरकार सुभाषिनी का संपूर्ण इलाज का खर्चा उठाएगी.

दरअसल, मसूरी बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष पुष्पा पडियार ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक ज्ञापन सौंपा. जिसमें उन्होंने बताया कि महिला राज्य आंदोलनकारी सुभाषिनी बर्त्वाल करीब तीन महीने से बीमार हैं और मैक्स अस्पताल में भर्ती हैं. अब परिजनों को इलाज कराना भारी पड़ रहा है. ऐसे में उनकी मांग है कि राज्य सरकार सुभाषिनी बर्त्वाल की इलाज का खर्च उठाए.

ये भी पढ़ेंः10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण पर राज्य आंदोलनकारियों की पैरवी दोबारा करे सरकार: रघुनाथ सिंह नेगी

सुभाषिनी के परिजनों का कहना है कि उनके इलाज पर अभी तक 18 से 28 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं. अभी इलाज में काफी खर्चा होने की उम्मीद है. उन्होंने सीएम धामी से सुभाषिनी का इलाज का खर्च वहन करने की मांग की. इससे पहले भी कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सुभाषिनी बर्त्वाल के इलाज के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया था. इसके अलावा स्थानीय लोगों ने भी सरकार से सुभाषिनी बर्त्वाल के इलाज कराए जाने की गुहार लगाई थी.

वहीं, मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी में आयोजित कार्यक्रम में सुभाषिनी बर्त्वाल का संपूर्ण इलाज का खर्च राज्य सरकार की ओर से किए जाने की घोषणा की. इस घोषणा पर सुभाषिनी बर्त्वाल के परिजनों और बीजेपी संगठन मसूरी के साथ स्थानीय लोगों ने सीएम धामी का आभार जताया.

जानिए कौन हैं सुभाषिनी बर्त्वाल?बता दें कि सुभाषिनी बर्त्वाल वो महिला राज्य आंदोलनकारी हैं. जिनके खिलाफ सीबीआई ने 10 साल तक मुकदमा चलाया. साल 2004 में सीबीआई की अदालत ने उन्हें बरी किया. पृथक राज्य आंदोलन के दौरान वो जनवरी 1997 में एक माह जिला कारागार में भी बंद रहीं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details