देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना की दस्तक के बाद फिल्म जगत में भी एक बड़ा बदलाव देखने को मिला. कोरोना संक्रमण के दौरान सिनेमा हॉल बंद होने के चलते फिल्म प्रोडक्शनों ने फिल्मों को ओटीटी (Over The Top) प्लेटफॉर्म पर रिलीज करना शुरू कर दिया. ऐसे में उत्तराखंड सरकार ओटीटी प्लेटफॉर्म की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए नई नीति बनाने जा रही है.
ओटीटी प्लेटफॉर्म बना विकल्प: कोरोना काल से पहले भी ओटीटी (Over The Top) प्लेटफॉर्म पर वेब सीरीज रिलीज हो रहे हैं. लेकिन महामारी के दौरान ओटीटी प्लेटफॉर्म एक बेहतर विकल्प बनकर उभरा. मल्टीप्लेक्स और सिनेमा हॉल बंद होने की वजह से फिल्मों को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ही रिलीज किया जाने लगा. ऐसे में उत्तराखंड सरकार भी ओटीटी प्लेटफॉर्म की बढ़ती लोकप्रियता को देखते नई नीति बनाने जा रही है. ताकि ओटीटी फिल्मों की शूटिंग को उत्तराखंड में बढ़ावा दिया जा सके.
फिल्म इंडस्ट्री के लिए उत्तराखंड फेवरेट डेस्टिनेशन. डिजिटल युग की शुरुआत: साल 2000 के बाद आधुनिकरण का एक ऐसा दौर शुरू हुआ, जिससे तमाम चीजें धीरे-धीरे ऑनलाइन होती चली गई. जिसका नतीजा यह हुआ कि स्मार्टफोन यूजर्स का डिजिटल प्रेजेंस काफी बढ़ गया. कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर लागू लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट की जगत में एक बड़ी क्रांति देखने को मिली. इस दौरान अधिकांश लोग डिजिटल मीडिया, सोशल साइट्स और इंटरनेट पर आ गए. घरों में समय बिताने के लिए लोग सोशल मीडिया का ज्यादा प्रयोग करने लगे. जिसको देखते हुए फिल्म जगत के लोगों ने फिल्मों को रिलीज करने के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म को चुना. जिससे न सिर्फ फिल्म जगत के लोगों को इसका फायदा मिला, बल्कि घरों में कैद लोगों ने भी जमकर फिल्मों का लुत्फ उठाया.
उत्तराखंड में सैकड़ों फिल्मों की शूटिंग: उत्तराखंड की सुंदर वादियां, पर्वतों, नदियों, खूबसूरत नजारों, वास्तुशिल्प के कारण देवभूमि आकर्षक रचनात्मक स्थलों में हमेशा से ही शामिल रहा है. पहाड़ की विहंगम और खूबसूरत वादियों में शूटिंग के लिए फिल्मी सितारे लगातार उत्तराखंड का रुख करते रहे हैं. उत्तराखंड को दुनिया का पसंदीदा फिल्म डेस्टिनेशन बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार लगातार कवायद में जुटी हुई है.
उत्तराखंड में शूटिंग होने वाली फिल्मों में मधुमती, भीगी रात, कटी पतंग, लक्ष्य, केदारनाथ, स्टूडेंट ऑफ द ईयर, कोई मिल गया, लक्ष्य, दम लगा के हईशा, बत्ती गुल मीटर चालू सहित सैकड़ों फिल्में शामिल हैं. शूटिंग के लिए देवभूमि का कॉर्बेट नेशनल पार्क, ऋषिकेश, रानीखेत और मसूरी के पर्यटक स्थल आकर्षण का केंद्र हैं.
उत्तराखंड में पहले से फिल्म नीति मौजूद:प्रदेश में शूटिंग स्थलों का निर्माण, फिल्म निर्माण एवं प्रदर्शन के माध्यम से रोजगार, पर्यटन के महत्व को बढ़ाने एवं क्षेत्रीय फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तराखंड फिल्म नीति, 2015 को लागू किया गया था. इस नीति में यह व्यवस्था भी की गई थी कि सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से फिल्मों की शूटिंग की अनुमति दी जाए. ताकि राज्य में फिल्मों की शूटिंग करने आ रहे निर्देशक और अभिनेताओं को परेशानियों का सामना ना करना पड़े. जिससे उत्तराखंड फिल्म शूटिंग के लिए एक हब के रूप में उभरेगा.
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2019 में फिल्म नीति में संशोधन: वहीं, फिल्म नीति 2015 में कुछ खामियों के चलते साल 2019 में फिल्म नीति में संशोधन किया गया. जिससे उत्तराखंड में फिल्मों की शूटिंग करने आ रहे लोगों को सभी सुविधाएं और सहुलियत मिले. वहीं, एक बार फिर से उत्तराखंड सरकार संशोधित फिल्म नीति 2019 में संशोधन करने के साथ ही ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए नई नीति बनाने जा रही है. जिससे प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा मिल सकें.
ओटीटी फिल्म शूटिंग नीति में होगी ये व्यवस्था:राज्य में पहले से ही फिल्म नीति मौजूद है. राज्य की फिल्म नीति को और सरल बनाए जाने पर जोर दिया जाएगा. जिससे फिल्म जगत के लोगों को उत्तराखंड में शूटिंग करने पर सब्सिडी के साथ ही तमाम अन्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें. राज्य में फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा दिए जाने के लिए राज्य सरकार ओटीटी प्लेटफॉर्म नीति बनाने जा रही है. इस नई नीति में ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए इंसेंटिव दिया जाना, वैट में कटौती करने समेत फिल्म शूटिंग करने आने वाले लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की जाएगी. इस नई नीति में इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाएगा कि प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग का परमिशन आसानी से उपलब्ध हो.
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समय के साथ बदला क्रेज:एक वह दौर था, जब फिल्मों को देखने के लिए सिनेमा हॉल के बाहर दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ती थी. लोगों में फिल्मों को मल्टीप्लेक्स में देखने का बड़ा क्रेज होता था, लेकिन कोरोना काल में मानों यह क्रेज अब खत्म हो गया है. क्योंकि जितनी तेजी से इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है. लोगों की डिजिटल प्रेजेंस भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है.
लोगों में सिनेमा हॉल जाकर फिल्मों के देखने का क्रेज भी तेजी से घटता जा रहा है. जिसकी मुख्य वजह ज्यादातर लोगों के हाथों में स्मार्टफोन का होना है. ऐसे में वह सिनेमाघरों में जाकर फिल्में देखने के बजाय घर पर बैठे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मोबाइल में ही फिल्में देखना ज्यादा प्रेफर कर रहे हैं.
वेब सीरीज और शॉर्ट फिल्मों का चलन:लोगों की वेब सीरीज और शॉर्ट फिल्मों में बढ़ती रुचि को देखते हुए फिल्म जगत भी तेजी से ओटीटी प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ रहा है. जैसे-जैसे समय बदल रहा है, उसके साथ वेब सीरीज और शॉर्ट फिल्मों का चलन बढ़ने लगा है. वेब सीरीज का एक ऐसा दौर शुरू हुआ, जिसमें एक वेब सीरीज करीब 5 से 6 घंटे की होने लगी. इसी बीच शॉर्ट फिल्मों का भी दौर शुरू हो गया है. ये शार्ट फिल्में आधे घंटे से 1 घंटे के बीच की होती है. जिसकी खास बात यह है कि दर्शक कम इंटरनेट की खपत और कम समय में ही फिल्म का लुफ्त उठा सकते हैं.
OTT प्लेटफॉर्म के लिए नई नीति:फिल्म जगत में लगातार हो रहे बदलाव को देखते हुए उत्तराखंड सरकार अब ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने की बात कह रही है. ताकि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली फिल्म, वेब सीरीज की शूटिंग को उत्तराखंड में बढ़ावा दिया जा सकें. उत्तराखंड सरकार एक नई ओटीटी प्लेटफॉर्म नीति बनाने की तैयारी कर रही है. राज्य सरकार, ओटीटी प्लेटफॉर्म नीति में फिल्मों की शूटिंग के लिए तमाम सहूलियत देने की तैयारी कर रही है, जिससे उत्तराखंड में ज्यादातर फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा दिया जा सकें.
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फिल्म शूटिंग को मिलेगा बढ़ावा:पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि हाल ही में मुंबई में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें फिल्म जगत से जुड़े तमाम लोग शामिल हुए थे. उस दौरान उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों का बखान करते हुए फिल्म जगत के लोगों को फिल्मों की शूटिंग के लिए आमंत्रित किया गया था. ताकि उत्तराखंड राज्य फिल्मों की शूटिंग के लिए एक हब बन सकें. महाराज ने कहा फिल्म जगत के लोगों से सुझाव लिए जा रहे हैं कि क्या कुछ सुविधाएं नीति में शामिल की जाए. ताकि उत्तराखंड में शूटिंग करने में आसानी हो. राज्य सरकार ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए एक नीति बनाने जा रही है, जिससे फिल्म निर्देशकों को उत्तराखंड में फिल्मों की शूटिंग करने के लिए तमाम सुविधाएं आसानी से मिल सके.