देहरादून: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों को परोसे जाने वाले मिड डे मील में सामने आई प्रोटीन की कमी को दूर करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है. ऐसे में आने वाले समय में जब स्कूलों में एक बार फिर बच्चों को मिड डे मील परोसा जाएगा, तो इस बार मिड डे मील में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों की मात्रा बढ़ाई जाएगी, जिनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक हो.
ईटीवी भारत से बात करते हुए समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने बताया कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों को परोसे जा रहे मिड डे मील में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग से संपर्क किया गया है. इसके तहत आने वाले समय में मिड डे मील में प्रोटीन युक्त आहार जैसे की दाल और सोयाबीन की मात्रा को और अधिक बढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही बच्चों को हफ्ते में एक दिन अंडे के साथ ही 100 से 150 मिलीलीटर दूध भी दिया जाएगा. वहीं, सरकार इस प्रयास में भी है कि मिड डे मील में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाने के लिए मिड डे मील के साप्ताहिक आहार में प्रदेश के पहाड़ी अनाज को भी जोड़ा जाए. इससे भी छात्रों को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिल सकेगा.
बच्चों के खातों में जा रही राशिःगौरतलब है कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील नहीं परोसा जा रहा है. ऐसे में मिड डे मील योजना के तहत इस साल मिले कुल 216 करोड़ के बजट से सरकार प्राइमरी के छात्रों को प्रति मील प्रतिदिन के हिसाब से 4.79 रुपए दे रही है. इस तरह प्रति माह के हिसाब से प्राइमरी के छात्रों के डीबीटी खातों में 144 रुपए भेजे जा रहे हैं. वहीं, उच्च प्राथमिक के छात्रों के खातों में प्रति मील प्रतिदिन के हिसाब से 7.18 रुपए दिए जाते हैं. इस तरह प्रतिमाह छात्रों के खातों में 215 रुपए मिड डे मील योजना के तहत भेजे जा रहे हैं.