देहरादून: उत्तराखंड राज्य की गुम हो चुके पारंपरिक घराट अब आपको दोबारा देखने को मिल सकेंगे. प्रदेश सरकार घराटों में दोबारा जान फूंकने का काम कर रही है. जल नीति के तहत प्रदेश भर के घराटों को दोबारा शुरू किया जायेगा. ताकि यहां के लोगों को रोजगार के साथ ही बिजली और चक्की का पिसा प्रोटीन युक्त आटा मिल सके.
प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के चलते और प्रकृति से मिले अनमोल तोहफे का इस्तेमाल कर पहाड़ी क्षेत्रों में गाद-गदेरों से आने वाले पानी का इस्तेमाल कर परंपरागत रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में घराटों से ही गेहूं पिसवाकर आटा बनाते थे और इससे बिजली का भी उत्पादन करते थे.